इन्वेस्टर्स को ज़्यादा रिटर्न देने वाला स्टॉक मार्केट ज़्यादा आकर्षक लगता है. पर इसके लिए आपको स्टॉक के फ़ंडामेंटल और मार्केट ट्रेंड जैसी चीज़ों का पता होना चाहिए.
नए निवेशकों के लिए स्टॉक के बजाए म्यूचुअल फ़ंड में निवेश बेहतर रहता है. फ़ंड मैनेजर, एक्सपर्ट होते हैं और पैसे को मैंडेट के मुताबिक़ शेयरों में निवेश करते हैं.
ग़लत स्टॉक लेने पर नुक़सान का डर होता है. पर, जब आप फ़ंड में निवेश करते हैं, तो पैसा मैनेज करने के लिए पूरी रिसर्च टीम होती है. म्यूचुअल फ़ंड के 3 फ़ायदे जानिए:
सीधे शेयर निवेश बजाए फ़ंड ज़्यादा सुविधाजनक हैं. इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से बेहतर रिटर्न पाने के लिए शेयरों के मुक़ाबले कम मेहनत करनी पड़ती है.
एक फ़ंड निवेशक के लिए अपना निवेश डायवर्सिफ़ाई करना आसान होता है. और ये बात हर तरह के डायवर्सिफ़िकेशन, यानी सेक्टर या एसेट टाइप के लिहाज़ से सच है.
ELSS फंड टैक्स बचाने के लिए ज़्यादा बेहतर हैं. भले ही आप इक्विटी में भी धीरे-धीरे निवेश कर सकते हैं, लेकिन SIP के ज़रिये फ़ंड में ऐसा आसान है.
सीधे स्टॉक्स में निवेश के लिए मानसिक रूप से मज़बूत होना चाहिए. अगर आपमें ज़रूरी स्किल है तो सीधे शेयरों में निवेश करें, नहीं तो फ़ंड बेहतर होते हैं.