Published: 24th Feb 2025
निवेश की दुनिया में सफलता का पहला क़दम है – सही जगह पर पैसा लगाना. जानिए क्यों डायवर्सिफ़िकेशन से रिस्क में कमी आती है. छोटी कंपनियों में निवेश: रिस्क और अवसर दोनों हैं. स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स में दो तिहाई पैसा छोटी कंपनियों में निवेश किया जाता है, जो उतार-चढ़ाव के साथ हाई रिटर्न भी दे सकते हैं.
लिक्विडिटी और मार्केट वोलैटिलिटी का सामना कैसे करें? छोटी कंपनियां आर्थिक मंदी और बाज़ार की तेज़ उतार-चढ़ाव में ज़्यादा प्रभावित होती हैं, जिससे निवेशकों को लिक्विडिटी और दूसरे रिस्क का सामना करना पड़ता है.
सही समय पर निवेश करें, डर से रुकें नहीं. हाल के गिरावट और मार्केट बबल्स से सीखें – समझें कि निवेश में आपको धैर्य बनाए रखना है ताकि आप मार्केट के शोर से प्रभावित न हों.
मल्टी कैप फ़ंड से शुरुआत करें, स्मॉल कैप से नहीं. अगर आप पहली बार म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर रहे हैं, तो सीधे स्मॉल कैप फ़ंड में न जाएं. पहले मल्टी कैप फ़ंड में अनुभव हासिल करें और तब रिस्क को जान समझ कर आगे बढ़ें.
लार्ज, मिड और स्मॉल कैप में बैलेंस्ड निवेश को बांटना ज़रूरी है. एक ही जगह पर निवेश करने की बजाय अलग-अलग कैप में निवेश करें – इससे रिस्क कम होगा और आपके पोर्टफ़ोलियो में स्थिरता आएगी.
समय के साथ स्मॉल कैप का प्रीमियम मिलता है. लंबे समय के निवेश (15-25 साल) से स्मॉल कैप फ़ंड्स का वो प्रीमियम मिलता है, जो ऊंचे रिटर्न की संभावनाएं देता है – लेकिन इसके लिए धैर्य और रणनीति ज़रूरी है.
पोर्टफ़ोलियो में आपकी ज़रूरत के मुताबिक़ बैलेंस और स्ट्रैटजी होनी चाहिए. निवेश करते समय अपने पोर्टफ़ोलियो का बैलेंस बनाये रखें. स्मॉल कैप में उतार-चढ़ाव के समय लिक्विडिटी की समस्या और गिरावट के रिस्क को समझकर ही क़दम उठाएं.
फ़ंडामेंटल्स, अनुशासन और धैर्य से रखें आगे का क़दम. धीरेंद्र कुमार कहते हैं कि निवेश के मूलभूत सिद्धांतों और अनुशासन से अपने निवेश को सही दिशा दें और मार्केट के उतार-चढ़ाव से न घबराएं.
इसी विषय पर धीरेंद्र कुमार का पूरा वीडियो लिंक दिया गया है जिसमें आपको स्मॉलकैप में गिरावट और इसे लेकर निवेशकों को क्या करना चाहिए इसपर विस्तार से चर्चा की गई है.