Published: 08th Oct 2024
By: Value Research Dhanak
अमीर होने की हसरत लिए निवेशक अपने निवेश का जज़्बा लंबे समय तक क़ायम नहीं रख पाते. जानिए क्यों…
बीते कुछ सालों के दौरान मार्केट में SIP अकाउंट की संख्या तेज़ी से बढ़ी है. 10 करोड़ Demat अकाउंट और 5 करोड़ SIP अकाउंट दिखाते हैं कि इक्विटी में भरोसा बढ़ रहा है. ज़्यादा फ़ायदे के लिए ध्यान रखें ये 5 बातें
किसी के कहने पर निवेश करना और नुक़सान होने पर मार्केट को हमेशा के लिए नमस्ते कह देना एक आम ग़लती है. यही ग़लती आपको मुनाफ़े के साथ मार्केट से भी दूर कर सकती है. ऐसे लोग ज़िंदगी भर बाज़ार के बारे में ग़लत धारणा बनाकर रखते हैं.
निवेश से पहले मार्केट को स्टडी करना बेहद ज़रूरी है. अक्सर निवेशक बड़े मुनाफ़े के लालच में आकर म्यूचुअल फ़ंड या स्टॉक के ज़रिए निवेश शुरू कर देते हैं. लेकिन ये समझने की कोशिश नहीं करते कि मार्केट कैसे काम करता है, और इसके उतार-चढ़ाव के डायनमिक्स क्या हैं.
आमतौर पर नए निवेशक जब मार्केट में निवेश शुरू करते हैं तो उनमें भरोसे की कमी होती है. उनके मन में होता है कि अगर 1-2 साल तक चीज़ें अच्छी रहीं तो ठीक, वरना पैसा लेकर निकल जाएंगे. ऐसे में अगर गिरावट का सामना करना पड़ जाए तो उनकी उम्मीदें जल्दी ही दम तोड़ देती हैं.
आप ग्राफ़ में देख कर समझ सकते हैं, इक्विटी निवेश में शॉर्ट टर्म का नज़रिया आपका नुक़सान ही कराएगा.
लॉन्ग टर्म SIP ज़रूरी है. SIP जितने ज़्यादा समय के लिए होगी, उतना ही ज़्यादा आपका निवेश बढ़ेगा. और बड़ा मुनाफ़ा हासिल कर पाएंगे.
ये पोस्ट निवेश से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.
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