Published: 16th Oct 2024
By: Value Research Dhanak
बात जब वेल्थ बढ़ाने की है तो कम्पाउंडिंग एक जादू है. लेकिन कैसे? इसके लिए भी तमाम पहलू हैं. आइए जानते हैं.
Compound interest यानी चक्रवृद्धि ब्याज तब मिलता है जब निवेश किए गए मूल धन में ब्याज भी जुड़ता जाता है. इस तरह से आपके निवेश में जो ब्याज जुड़ता है, वो भी ब्याज कमाता है.
कंपाउंडिंग में 'समय' यानी निवेश का पीरियड सबसे ज़रूरी है. इसमें आपके रिटर्न पर कमाई होती है और इसके बाद, पहले मिले रिटर्न पर मिलने वाला रिटर्न भी कमाई करना शुरू करता है.
हक़ीकत यही है कि अगर आप बड़ी वेल्थ बनाना चाहते हैं, तो आपको अभी शुरुआत करनी होगी. जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, आप बाद में उतना ही ज़्यादा फ़ायदे के लिए तैयार होंगे.
कंपाउंडिंग के फ़ायदे को बढ़ाने का सबसे सरल तरीक़ा लंबा टाइम-फ़्रेम है. क्योंकि पैसे से पैसा बनता है या कंपनी बढ़ती है, और इसे और आगे बढ़ने दीजिए. और अपने निवेश को अच्छी तरह से डायवर्सिफ़ाइड कीजिए.
इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.
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