SIP, म्यूचुअल फ़ंड में निवेश का एक अच्छा ज़रिया है क्योंकि SIP से आपका निवेश ऑटो-मोड में रहता है. इसके अलावा धीरे-धीरे और अप्रत्यक्ष रूप से 4 फ़ायदे देती है.
1. निवेश की आदत पड़ती है. 2. ख़र्च के लिए प्लानिंग करनी पड़ती है जो अच्छा है. 3. मार्केट के उतार-चढ़ाव की चिंता नहीं करनी पड़ती. 4. SIP व्यवस्थित तरीके़ से पैसा बनाने में मदद करती है.
लेकिन, SIP की स्वाभाविक ख़ूबियों के अलावा, इसकी एक कमी भी है. वो है: ई-मैंडेट, या वन टाइम मैंडेट (OTM). बैंक ये मैंडेट आपको तब देता है, जब आप SIP शुरू करते हैं.
कुछ बैंक ई-मैंडेट सेट करने के लिए ₹50 से लेकर ₹236 तक वन-टाइम फ़ीस लेते हैं. इस फ़ीस को लेने वालों में एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, केनरा बैंक शामिल हैं.
अगर आप केनरा बैंक के अकाउंट से पांच Mutual Funds में SIP शुरू करते हैं तो आपको ₹885 (₹177 x 5 फ़ंड) की एकमुश्त फ़ीस देनी होगी. इससे SIP का रिटर्न कम हो जाएगा.
जो बैंक मैंडेट फ़ीस नहीं लेते हैं. इनमें स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, ICICI बैंक, सिटी बैंक, HDFC बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक शामिल हैं.
आप वो बैंक चुनें जो फ़ीस नहीं लेते. अगर आपका बैंक ऊपर की लिस्ट में नहीं है, तो अपने बैंक की वेबसाइट पर जा कर वन टाइम फ़ीस चेक करें.
कोई भी ऐसा बैंक चुनें, जो कोई मैंडेट फ़ीस नहीं लेता, जैसे ICICI बैंक. इसलिए, अगर आप बैंक कॉइन-ज़ेरोधा पर वन टाइम मैंडेट सेट-अप करना चाहते हैं, तो इसके लिए स्टेप आगे जानिए.
1. ऊपर अपने प्रोफ़ाइल पर क्लिक करें, पेमेंट्स में 'मैंडेट' सलेक्ट करें. 2. फिर, बैंक अकाउंट (इस मामले में ICICI) सलेक्ट करें और मैंडेट को एक नाम दीजिए.
3. अब आप इसे डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के ज़रिए वेरिफ़ाई कीजिए. यहां हमने डेबिट कार्ड वेरिफ़िकेशन चुना है. 4. डिटेल वेरीफ़ाई करने के लिए आपके पास OTP आएगा.
इस पूरे प्रोसेस में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं. एक बार मैंडेट क्रिएट होने के बाद, आप इसे SIP से लिंक कर सकते हैं.
आप एक ही मैंडेट से एक से ज़्यादा SIP लिंक कर सकते हैं. लेकिन ई-मैंडेट के लिए रोज़ की अधिकतम सीमा ₹1 लाख है. इसलिए, अपनी SIP डेट्स सावधानी से प्लान करें.
किसी मैंडेट से लिंक्ड SIP को संशोधित, रोका या रद्द किया जा सकता है, लेकिन ऐसा अगली क़िश्त की तारीख़ से दो दिन पहले किया जाना चाहिए.