Published: 29th July 2024
By: Value Research Dhanak
आजकल ज़्यादातर निवेशक SIP की अहमियत समझते हैं. वे जानते हैं कि इसके ज़रिए बड़ा पैसा बनाया जा सकता है. सिर्फ़ ₹500 हर महीने SIP के जरिए म्यूचुअल फ़ंड में निवेश कर सकते है. साथ ही इसमें बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से जुड़ा जोख़िम काफ़ी कम हो जाता है.
आज के दौर में बाज़ार में तमाम स्कीमें मौजूद हैं. लेकिन SIP उन सबसे बेहतर है, क्योंकि SIP के ज़रिए आप हर महीने महज़ ₹500 से निवेश की शुरुवात कर सकते हैं. और कमाई बढ़ जाने पर अपने मुताबिक़ अमाउंट को बढ़ा भी सकते हैं.
SIP में कंपाउंडिंग का फ़ायदा है. यानी निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, उस रिटर्न पर भी रिटर्न का लाभ उठा सकते है. साथ ही 12 से 18% तक का एवरेज रिटर्न भी मिलता है.
SIP निवेश में समय-समय पर cost averaging का फ़ायदा मिलता है. यानी, गिरावट दौरान पैसा निवेश किया तो आपको ज्यादा यूनिट्स अलॉट होंगे और मार्केट में तेज़ी आने पर कम यूनिट्स अलॉट होंगी. मार्केट में गिरावट आने पर भी आप लॉस में नहीं जाते.
SIP में आप तय समय के लिए बचत करना सीखते हैं, यानी आपको हर महीने जो भी पैसा निवेश करना है, उस रक़म की बचत करने के बाद ही आप बाकी ख़र्च करते हैं. इस तरह से अनुशासित निवेश की आदत पड़ती है.
बाज़ार में मौजूदा तेज़ी के बावजूद, इंट्राडे ट्रेडर्स का नुक़सान जारी है. FY-23 में केवल 29% इंट्राडे ट्रेडर्स ने मुनाफ़ा कमाया, जो FY-19 में 35% से कम था. इसमें बस फ़ायदा हो रहा है तो सरकार और एक्सचेंजों को. इंट्राडे ट्रेडर्स को हुए नुक़सान में ट्रेडिंग कॉस्ट की हिस्सेदारी 57% रही है.