Published on: 26th Mar 2025
क्या आपने कभी सुना है SIF (Specialized Investment Fund) के बारे में? ये एक नया म्यूचुअल फ़ंड है, जिसे अमीर लोग पसंद करते हैं. जानिए, ये फ़ंड क्या है और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए.
SIF एक नए तरह का निवेश फ़ंड है, जिसे SEBI ने भारत में लॉन्च किया है. ये ऐतिहासिक म्यूचुअल फ़ंड और PMS के बीच का एक नया विकल्प है. SIF आपको कुछ अलग तरीके़ से निवेश करने का मौक़ा देता है.
SIF के फ़ंड मैनेजरों को स्टॉक्स को शॉर्ट करने की अनुमति होती है. इसका मतलब ये है कि वे ऐसी कंपनियों के शेयर बेच सकते हैं, जिनकी क़ीमत गिरने वाली है. इससे उन्हें गिरते बाज़ार में भी फ़ायदा हो सकता है.
शॉर्टिंग का मतलब है किसी शेयर को उधार लेकर बेचना और बाद में जब उसकी क़ीमत घटे, तो उसे सस्ते में ख़रीदकर वापस कर देना. इससे आप गिरते हुए बाज़ार से भी पैसा कमा सकते हैं, लेकिन इसमें रिस्क भी होता है.
SIF में लॉन्ग-शॉर्ट स्ट्रैटेजी होती है, जिसका मतलब है कुछ शेयरों में निवेश करना और कुछ शेयरों को शॉर्ट करना. इस तरह से फ़ंड म्यूचुअल फ़ंड्स से अलग तरीके़ से कमाई करने की कोशिश करता है.
ग्लोबल हेज फ़ंड्स और लॉन्ग-शॉर्ट स्ट्रैटेजी हमेशा सफ़ल नहीं होतीं. कई बार ये सामान्य बाज़ारों से भी पीछे रह जाती हैं. इसलिए, हमेशा अच्छा प्रदर्शन नहीं मिलता.
SIF का एक फ़ायदा ये है कि जब बाज़ार गिरते हैं, तो ये आपके निवेश को कम नुक़सान पहुंचाता है. यानी ये मुश्किल समय में थोड़ा सुरक्षित रह सकता है.
SIF अभी भारत में नया है, और इसका ट्रैक रिकॉर्ड (पिछला प्रदर्शन) साफ़ नहीं है. इस कारण, पहले से साबित और भरोसेमंद म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश करना ज़्यादा सुरक्षित हो सकता है.
SIF अब तक किसी बड़े एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) ने लॉन्च नहीं किया है. इसका मतलब है कि इस फ़ंड का प्रदर्शन अभी साबित नहीं हुआ है और इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है.
SIF में शॉर्टिंग जैसी स्ट्रैटेजी होती हैं, जो एक स्मार्ट तरीक़ा लग सकता है. लेकिन सिर्फ़ इन्हीं पर निर्भर रहना हमेशा सही नहीं होता. पहले से अच्छे और सुरक्षित म्यूचुअल फ़ंड्स में निवेश करना बेहतर हो सकता है.
ये निवेश की सलाह नहीं बल्कि जानकारी के लिए है. अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें.