Published: 18th Oct 2024
By: Value Research Dhanak
इसका फै़सला ख़ुद आपके ऊपर होता है. फ़ंड मैनजर ये नहीं बताएगा कि फ़ंड से कब निकलना है. लेकिन आइए इसके कुछ पहलुओं पर ग़ौर करते हैं.
ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि एक बार फ़ंड निवेश करने के बाद निवेश की देखभाल करने की जिम्मेदारी फ़ंड मैनेजर की हो जाती है. इसमें कुछ ग़लत नहीं है. लेकिन इस स्ट्रैटज़ी को अपनाना रिस्की हो सकता है.
म्यूचुअल फ़ंड, ख़ास कर इक्विटी ओरिएंटेड फ़ंड का परफ़ॉर्मेंस फ़ंड मैनेजर के फ़ैसले पर निर्भर करता है. अगर इसे पूरी तरह से फ़ंड मैनेजर पर ही छोड़ देते हैं तो निवेश का स्टाइल बदलने पर फ़ंड का प्रदर्शन गिर सकता है और आपको पता भी नहीं चलेगा.
सभी AMC’s सालाना रिपोर्ट, छमाही रिपोर्ट और तिमाही फ़ैक्टशीट/ न्यूज़लेटर मुहैया कराती हैं. AMC की अपनी वेबसाइट पर भी दूसरे फ़ाइनेंशियल डिटेल्स के साथ स्कीम के NAV लोगों के सामने रखे जाते हैं. उसे देख सकते हैं.
आपको फ़ंड के बेंचमार्क साथ - साथ उसके जैसे दूसरे फ़ंड्स के परफ़ॉरमेंस की तुलना करने की कोशिश करनी चाहिए.
समय आने पर उपलब्ध जानकारियों के आधार पर आपको ख़ुद ही निवेश से बाहर निकलने का फ़ैसला करना होगा. तो, अपने फ़ंड के परफ़ॉर्मेंस पर नज़र रखिए. क्योंकि ये पैसा आपका है और आपको जानना चाहिए कि फ़ंड इसके साथ क्या कर रहा है?
ये लेख निवेश से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.
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