दिग्गज निवेशक Pat Dorsey ने अपनी "द फाइव रूल्स फ़ॉर सक्सेसफ़ुल स्टॉक इन्वेस्टिंग" में बताया है कि कैसे निवेशक अक्सर निवेश संबंधी 7 ग़लतियां करते हैं.
कई लोग 'हाई-रिस्क हाई-रिवॉर्ड' वाली मिसाल की ग़लत व्याख्या करते हैं और अपने निवेश के साथ बेवज़ह का जोख़िम उठाते हैं.
पिछली ग़लतियों से सीख न लेकर उन्हें दोहराना बहुत बड़ी ग़लती है, चाहे बात ज़िंदगी की हो या निवेश की.
जब आप किसी स्टॉक को देखते हैं, तो अपने आप से पूछें, "क्या ये एक आकर्षक बिज़नस है? अगर मैं ख़रीद पाता, तो क्या मैं पूरी कंपनी ख़रीदता?"
मार्केट में हर गिरावट के दौरान मौजूद विनाशकारी आशंकाओं के कारण निवेशक घबरा जाते हैं और स्टॉक्स ख़रीदने के बेहतर मौक़ों से चूक जाते हैं.
डोर्सी ने चुटकी लेते हुए कहा, "बाज़ार का अंदाज़ा लगाना निवेश के अब तक के सबसे बड़े मिथक में से एक है. ऐसी कोई स्ट्रैटेजी नहीं है."
आपको स्टॉक तभी ख़रीदना चाहिए जब आपको लगे कि बिज़नस जितने में बिक रहा है, इसकी क़ीमत उससे ज़्यादा है - इसलिए नहीं कि आपको लगता है कि कुछ महीनों के बाद अच्छा पैसा मिलेगा.
कैश-फ़्लो ही मायने रखता है, न कि अर्निंग. कई कारणों से, प्रति शेयर अकाउंटिंग-बेस्ड अर्निंग वैसा परफ़ॉर्म करती है जैसा कंपनी का मैनेजमेंट चाहता है, लेकिन कैश-फ़्लो से खिलवाड़ मुश्किल होता है.