इन दिनों शेयरों की ख़रीद-फ़रोख्त से जुड़ा एक अलग तरह का फ़्रॉड सामने आया है. इसे लेकर मार्केट रेग्युलेटर ने चेतावनी जारी की.
SEBI को पिछले काफ़ी समय से शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म झूठा दावा कर रहे हैं कि वो SEBI रजिस्टर्ड फ़ॉरेन पोर्टफ़ोलियो इन्वेस्टर (FPI) से जुड़े हैं.
SEBI के मुताबिक़, ख़ास बात ये है कि ये लोग FPI या FPI सब-अकाउंट और इंस्टीट्यूशनल अकाउंट ऑफ़र कर रहे हैं, जिसमें कुछ ख़ास छूट ऑफ़र की जा रही है.
इस फ़्रॉड से जुड़े प्लेटफ़ॉर्म दावा कर रहे हैं कि उसकी मदद से लोग बिना ट्रेडिंग अकाउंट शेयर ख़रीद या बेच सकते हैं. SEBI ने अलर्ट किया कि FPI के नाम से आ रहे ऐसे ऑफ़र्स से बच कर रहें.
फ़्रॉड करने वाले स्टॉक मार्केट से जुड़े ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स, सेमिनार, मेंटरशिप प्रोग्राम के ज़रिए लालच दे रहे हैं. इसके लिए लाइव ब्रॉडकास्ट, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम का भी इस्तेमाल हो रहा है.
इसके बाद वो ख़ुद को किसी FPI का कर्मचारी या FPI से संबंधित दिखाकर ऐप डाउनलोड करा रहे हैं और कई तरह के झांसे दे रहे हैं.
वे दावा करते हैं कि आम निवेशक बिना ट्रेडिंग या डीमैट के ‘इंस्टीट्यूशनल अकाउंट’ के फ़ायदों के साथ शेयर में ख़रीद-बिक्री कर सकते हैं या फिर IPO में निवेश कर सकते हैं.
SEBI के मुताबिक़, आम निवेशकों को ये समझना चाहिए कि SEBI (FPI) रेग्युलेशन, 2019 में के सीमित अपवादों को छोड़ दें तो FPI इन्वेस्टमेंट रूट रेजीडेंट भारतीयों के लिए उपलब्ध नहीं है.
SEBI ने कहा कि ट्रेडिंग में “इंस्टीट्यूशनल अकाउंट” का कोई प्रावधान नहीं है और निवेशकों को सेबी-पंजीकृत ब्रोकर/ट्रेडिंग सदस्य और DP के साथ ट्रेडिंग और डीमैट खाता रखना ज़रूरी है.