Share Market में भारी गिरावट, क्या बंद कर दें SIP?

Published: 5th Aug 2024

By: Value Research Dhanak

Stock Market में गिरावट 

अमेरिका में आर्थिक संकट की आशंकाओं के मद्देनजर सोमवार, 5 अगस्त 2024 को भारतीय शेयर बाज़ार में सेंसेक्स लगभग 2.5 फ़ीसदी से ज़्यादा की गिरावट के साथ खुले. ऐसे में निवेशकों में घबराहट की स्थिति बनी हुई है. 

SIP को लेकर मन में उठते हैं सवाल 

शेयर बाज़ार में गिरावट के समय अक़्सर निवेशकों के मन में अपने पैसे को बचाने का विचार आता है. इस सावधानी के चक्कर में गिरावट के दौर में वे SIP के जरिए निवेश बंद कर देते हैं 

तेज़ी के दौर में करते हैं वापसी 

और, जब बाज़ार में वापस तेज़ी का दौर आता है तो वे कमाई की उम्मीद में फिर से निवेश शुरू कर देते हैं. लेकिन क्या ऐसा करना फ़ायदेमंद होता है.

क्यों होता है नुक़सान? 

हालांकि, तेज़ी या गिरावट के आधार पर निवेश बंद करना या शुरू करना निवेशक के लिए किसी तरह से भी फ़ायदेमंद नहीं है, उलटा इससे नुकसान ही होता है. 

कौन सा मौक़ा गंवा देते हैं निवेशक? 

गिरावट में निवेश बंद करने पर आप ख़रीद की क़ीमत के औसत को कम करने का मौका गंवा देते हैं. असल में, जब निवेश करना चाहिए, तो आप बाहर हो जाते हैं और मुनाफ़े का मौका गंवा देते हैं. 

….यहीं काम आती है SIP

निवेशकों के ऐसे व्‍यवहार को हतोत्‍साहित करने के लिए ही तो SIP बनाई गई है. SIP के ज़रिए निवेश करने का मतलब है कि बाज़ार में गिरावट हो या तेज़ी, आप हर दौर में निवेश करते हैं. 

SIP में अनुशासन मायने रखता है 

SIP निवेशक के डर और लालच पर नियंत्रण रखती है. अगर आप SIP के ज़रिए निवेश कर रहे हैं तो सबसे ज़्यादा अनुशासन मायने रखता है न कि निवेश का समय.