शेयर बाज़ार में तगड़ा झटका! गिरावट या मौक़ा?

Published on: 7th Apr 2025

शेयर बाज़ार में भूचाल! शुरुआत से ही कोहराम

सोमवार, 7 अप्रैल की सुबह शेयर बाज़ार के लिए किसी झटके से कम नहीं थी. ट्रेडिंग शुरू होते ही सेंसेक्स ने क़रीब 4000 अंकों की गिरावट दिखाई और दिन के अंत में ये 2227 अंक टूटकर 73,137 पर बंद हुआ. निफ़्टी भी इस तूफ़ान से अछूता नहीं रहा और 1100 अंक गिरने के बाद 22,161 पर जाकर थमा. हफ्ते की ये शुरुआत निवेशकों के लिए चौंकाने वाली रही.

अमेरिका की टैरिफ़ चाल से डगमगाया बाज़ार

इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह बनी अमेरिका की नई टैरिफ़ नीति. 2 अप्रैल की रात अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर नए टैरिफ़ लगाने का फै़सला किया. भारत पर सीधे 26% का टैरिफ़ लगाया गया, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगा गया. इसका असर सिर्फ़ भारत नहीं, बल्कि दुनिया भर के बाज़ारों में देखा गया. ट्रेड वार की आशंका ने ग्लोबल इकॉनमी को झकझोर दिया है.

प्री-ओपन से ही गिरावट के संकेत, लेकिन इतनी तेज़?

प्री-ओपन सेशन में ही सेंसेक्स में 4000 अंकों की गिरावट दिख गई थी, जो साफ़ बता रही थी कि बाज़ार कुछ बड़ा रिएक्ट करने वाला है. आख़िरकार जब ट्रेडिंग शुरू हुई, तो ये डर हकीक़त में बदल गया. भारी बिक़वाली ने न सिर्फ़ पुराने निवेशकों को परेशान किया, बल्कि नए इन्वेस्टर्स को भी सोचने पर मजबूर कर दिया — क्या ये गिरावट बस शुरुआत है?

ये गिरावट अचानक नहीं थी, शुक्रवार को मिले थे संकेत

पिछले शुक्रवार को ही बाज़ार ने कुछ इशारे दे दिए थे. सेंसेक्स 930 और निफ़्टी 345 अंक गिरकर बंद हुए थे. तब इसे वीकेंड की बिक़वाली समझा गया, लेकिन अब ये साफ़ है कि ट्रेड वार की आशंका पहले से मंडरा रही थी. बाज़ार धीरे-धीरे उस तूफ़ान की ओर बढ़ रहा था, जो सोमवार को सामने आया.

कौन से सेक्टर सबसे ज़्यादा पिटे?

गिरावट में सबसे बुरा हाल मेटल सेक्टर का रहा, जो करीब 7% तक टूट गया. इसके अलावा IT, ऑटो और मीडिया सेक्टर ने भी 5% के क़रीब गिरावट देखी. इन सेक्टर्स की हालत देखकर लग रहा है कि निवेशक फ़िलहाल रिस्क नहीं लेना चाहते. वो उन स्टॉक्स से निकल रहे हैं जहां वोलैटिलिटी ज़्यादा है और रिटर्न की गारंटी कम

किसने सबसे ज़्यादा गिराया निवेशकों को? 

इस तेज़ गिरावट के बीच कुछ स्टॉक्स ऐसे भी रहे, जिन्होंने सबसे ज़्यादा चोट पहुंचाई. ट्रेंट के शेयर 14% लुढ़क गए, जबकि कारट्रेड टेक ने 12% की गिरावट दिखाई. ऐडलवाइस और एम्बेसी डेवलपमेंट्स के स्टॉक्स ने भी क़रीब 11% का गोता लगाया. इतना ही नहीं, जिंदल शॉ जैसे बड़े नाम भी 10% से नीचे लुढ़क गए. इन स्टॉक्स में निवेश करने वालों के लिए ये दिन भारी रहा.

गिरावट में भी कुछ चमकते सितारे

हालांकि पूरा मार्केट लाल निशान में डूबा रहा, लेकिन कुछ स्टॉक्स ऐसे भी थे जो हरे निशान में रहे. सीमेंस का शेयर लगभग 9% उछला, जो बताता है कि कुछ कंपनियों में अभी भी इन्वेस्टर्स को भरोसा है. डेल्हिवरी और 360ONE के शेयर 4-4% चढ़े, जबकि स्टार सीमेंट और आयन एक्सचेंज इंडिया ने भी 2-3% की बढ़त दिखाई. मतलब ये कि गिरावट के बीच भी समझदारी से चुने गए स्टॉक्स में उम्मीद बची रहती है.

नए निवेशकों के लिए डर का नहीं, सोच का समय है

अगर आप नए निवेशक हैं और ये गिरावट देखकर घबरा रहे हैं, तो रुकिए — यही वो मोमेंट है जहां आप सीख सकते हैं. शेयर बाज़ार शॉर्ट टर्म में कितना भी वोलैटाइल क्यों न हो, लॉन्ग टर्म में सही फै़सलों का फल ज़रूर देता है. ऐसे समय में पैनिक नहीं, बल्कि प्लान की ज़रूरत होती है.

गिरावट में छिपा होता है असली मौक़ा

बाज़ार जब नीचे जाता है, तभी असली इन्वेस्टर्स का टेस्ट होता है. समझदारी इसी में है कि आप शोर में शांत रहें और उस वक्त अपने फ़ंडामेंटल्स पर भरोसा करें. गिरावट में ख़रीदे गए क्वालिटी स्टॉक्स आने वाले समय में बड़ा रिटर्न दे सकते हैं. बाज़ार गिरा है — लेकिन ये भी एक मौक़ा है, बशर्ते आप उसे पहचान सकें.

क्या करें आगे? बस ये याद रखें

अपना पोर्टफ़ोलियो दोबारा देखें, रिसर्च करें और जल्दबाज़ी में फै़सले न लें. लॉन्ग टर्म के नज़रिए से सोचें और अच्छे बिज़नेस में विश्वास रखें. अगर मन में सवाल हैं, तो जानकारों से बात करें या पढ़ें. और हां, अगर ऐसे आसान अंदाज़ में इन्वेस्टिंग सीखते रहना है — तो जुड़े रहिए. क्योंकि असली बाज़ी वही जीतता है जो घबराता नहीं, बल्कि समझदारी से सोचता है.