मार्च 2025 में सेक्टोरल फ़ंड्स में 97% की गिरावट: जानें वजह और निवेशकों की बदलती प्राथमिकताएं 

Published on: 14th Apr 2025

मार्च 2025 में सेक्टोरल फ़ंड्स में 97% की गिरावट 

AMFI के ताज़ा आंकड़े चौंकाने वाले हैं! जानिए सेक्टोरल और थीमैटिक फ़ंड्स के बारे में जो मार्च 2025 में बुरी तरह प्रभावित हुए.

गिरावट का कारण क्या था? 

मार्च में नए फ़ंड की कमी और बाज़ार में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को प्रभावित किया. सिर्फ़ एक नया फ़ंड आया—मोतीलाल ओस्वाल एक्टिव मोमेंटम फ़ंड.

प्रॉफ़िट बुकिंग का असर 

मार्च में सेक्टोरल फ़ंड्स में रिकवरी देखने को मिली, जिसके बाद कई निवेशकों ने मुनाफ़ा कमा लिया और अपनी रक़म निकाल ली. इसके चलते एग्ज़िट में 55% की बढ़त हुई.

दूसरी इक्विटी कैटेगरी में कैसा रहा प्रदर्शन?

– स्मॉलकैप फ़ंड्स: ₹4,092 करोड़ (10% वृद्धि) – मिडकैप फ़ंड्स: ₹3,439 करोड़ (1% वृद्धि) – लार्जकैप फ़ंड्स: ₹2,479 करोड़ (13% गिरावट) फ़्लेक्सीकैप फ़ंड्स: ₹5,615 करोड़ (10% वृद्धि)

ELSS फ़ंड्स में निवेश सालों के न्यूनतम स्तर पर 

मार्च में ELSS फ़ंड्स में सिर्फ़ ₹735 करोड़ का निवेश हुआ, जो पिछले कुछ वर्षों में सबसे कम है. इसका कारण नया टैक्स रिजीम है.

डेट और हाइब्रिड फ़ंड्स में दबाव 

डेट फ़ंड्स से ₹2.02 लाख करोड़ की निकासी और हाइब्रिड फ़ंड्स से ₹947 करोड़ की निकासी. हालांकि, कुछ हाइब्रिड सब-कैटेगरीज़ ने सकारात्मक प्रदर्शन किया.

SIP कलेक्शन में मामूली गिरावट 

मार्च में SIP कलेक्शन ₹25,926 करोड़ रहा, जो फ़रवरी से थोड़ा कम था. लेकिन साल-दर-साल आधार पर SIP में बढ़त जारी है, जिससे रिटेल निवेशकों की भागीदारी बनी हुई है.