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Published on: 31st Mar 2025

SEBI और DigiLocker से नॉमिनी को मिलेगी मदद: निवेशक की मृत्यु पर संपत्ति का ट्रांसमिशन हुआ आसान

अब निवेशक की मृत्यु पर नॉमिनी को मिलेगी मदद डिजिलॉकर से

SEBI और DigiLocker की नई पहल से, निवेशक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को उनकी म्यूचुअल फंड और स्टॉक होल्डिंग्स की जानकारी आसानी से मिलेगी.

डिजिलॉकर क्या है?

DigiLocker एक सरकारी डिजिटल वॉलेट है, जहां आप अपने ज़रूरी डॉक्युमेंट्स जैसे आधार, पैन कार्ड, और बैंक स्टेटमेंट्स सुरक्षित रख सकते हैं. अब इसमें आपके निवेशों की जानकारी भी होगी.

निवेश के दस्तावेज डिजिलॉकर में सुरक्षित

SEBI की पहल के तहत, निवेशक अपने शेयर और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स की जानकारी DigiLocker में जमा कर सकते हैं, जिससे नॉमिनी को आसानी से जानकारी मिल सकेगी.

नॉमिनेशन की सुविधा

निवेशक की मृत्यु के बाद, DigiLocker नॉमिनी को "Read-only" एक्सेस देगा, जिससे वह बिना किसी परेशानी के सभी फाइनेंशियल डॉक्युमेंट्स देख सकेगा.

अगर नॉमिनी अलग हो तो?

अगर DigiLocker पर दर्ज नॉमिनी और असली नॉमिनी में फर्क है, तो DigiLocker नॉमिनी को सही जानकारी देने के लिए सूचना देगा.

निवेशकों को क्या करना होगा?

निवेशकों को DigiLocker में अपनी होल्डिंग्स अपडेट करनी होंगी और नॉमिनी की जानकारी, जैसे मोबाइल नंबर और ई-मेल, दर्ज करनी होगी.

SEBI का उद्देश्य और DigiLocker का रोल 

इस पहल से बिना क्लेम किए हुए निवेशों की समस्या कम होगी, और नॉमिनी को जानकारी मिलने से संपत्ति का ट्रांसमिशन तेज़ और पारदर्शी होगा.

निवेशकों को होगी बड़ी राहत

निवेशक की मृत्यु के बाद अब उनके परिवार को उनकी सारी फाइनेंशियल जानकारी आसानी से मिलेगी, जिससे वे बिना किसी परेशानी के संपत्ति का क्लेम कर सकेंगे.

SEBI और DigiLocker का बड़ा क़दम

यह पहल निवेशकों और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा और आसानी लेकर आई है, जिससे वे अपने फाइनेंशियल डॉक्युमेंट्स को डिजिटल रूप से सुरक्षित रख सकते हैं.