जब आपका निवेश का लक्ष्य पूरा हो जाए या आपने अपने लक्ष्य को उम्मीद से पहले पा लिया है तो निवेश से पैसे तुरंत निकाल लीजिए.
मेडिकल और फ़ाइनेंशियल इमरजेंसी के दौरान आपके सारे कैश रिज़र्व खत्म हो जाएं, तो आपके पास अपने फ़ंड को बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इसीलिए, इमरजेंसी फ़ंड पहले से ही बना कर रखें.
आपका Mutual Fund उम्मीद अनुसार परफ़ॉर्म नहीं कर रहा है. हालांकि पहले सुनिश्चित हो लें कि आपका फ़ंड वाक़ई ख़राब प्रदर्शन कर रहा है तो उससे बाहर निकलना ही बेहतर है.
अगर कोई फ़ंड स्मॉल-कैप फंड से लार्ज-कैप फ़ंड जैसे अपने निवेश के दायरे में बदलाव करता है, तो आप फिर आकलन करें कि क्या ये अभी भी पोर्टफ़ोलियो में फ़िट बैठता है. अगर नहीं, तो उससे निकल जाएं.
AMC की ओनरशिप में बदलाव होने पर कोई मौजूदा फ़ंड हाउस किसी दूसरे के साथ विलय करता है, तो इससे निवेश स्ट्रैटजी और टीम के स्थायित्व को प्रभावित कर सकता है.
कभी भी डर या जोश में आकर अपना म्यूचुअल फ़ंड न बेचें. निवेश एक मैराथन है, कोई स्प्रिंट नहीं. जल्दबाज़ी में निर्णय लेने से बचें. सोच-समझकर निर्णय लें और अपनी नज़र रिटर्न पर रखें.