एनर्जी सेक्टर म्यूचुअल फ़ंड में निवेश का सही समय?

बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ एनर्जी सेक्टर में बढ़ोतरी

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ ऊर्जा की ज़रूरतें भी तेज़ी से बढ़ रही हैं. दिसंबर 2019 में ऊर्जा क्षमता 367.28 गीगावॉट थी, जो फ़रवरी 2024 तक 427.58 गीगावॉट हो गई है.

नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन

ऊर्जा ज़रूरतों को देखते हुए इस साल सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए ₹600 करोड़ और सोलर प्रोजेक्ट के लिए ₹10,000 करोड़ एलोकेट किए हैं.

SBI एनर्जी अपॉर्चुनिटीज फ़ंड

बजट घोषणा के कुछ ही दिनों बाद, SBI म्यूचुअल फ़ंड ने अपना SBI एनर्जी अपॉर्चुनिटीज फ़ंड लॉन्च किया. इस थीमैटिक फ़ंड ने अपने NFO पीरियड के दौरान 6,547 करोड़ का भारी संग्रह किया.

एक ही जगह ज़्यादा निवेश का रिस्क

थीमैटिक फ़ंड ख़ास सेक्टर या थीम पर ध्यान खींचते हैं, जिससे ज़्यादा डायवर्सिफ़ाइड फ़ंड्स की तुलना में उतार-चढ़ाव और रिस्क बढ़ जाता है.

ज़्यादा जानकारी के लिए

ये पोस्ट सिर्फ़ एक बानगी है. पूरी जानकारी के लिए हमारे धनक “फ़ंड वायर” आर्टिकल को पढ़ें. अगली स्लाइड में उसका लिंक दिया गया है. और, ये रेकमंडेशन नहीं है. निवेश करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च ज़रूर करें.