Published: 12th Oct 2024
By: Value Research Dhanak
दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इसी बात को बचत और निवेश से जोड़कर देखें, तो निवेश से जुड़ी सामान्य ग़लतियों के बीच जारी एक संघर्ष जैसा है.
दशहरा हमेशा से बुराई पर अच्छाई की जीत याद दिलाता है. इस ही बात को ध्यान में रखते हुए आइए रावण के 10 सिर जैसी पैसे का विनाश करने वाली बुराइयों पर एक-एक करके ग़ौर करते हैं. और प्रण लें कि अब इनके मायाजाल में नहीं फंसेंगे.
निवेश की नींव व्यापक रिसर्च और समझ पर आधारित होनी चाहिए. बिना जानकारी के निवेश की दुनिया में क़दम रखना, आंखों पर पट्टी बांधकर लड़ाई के मैदान में उतरने जैसा है.
बाज़ार के उतार-चढ़ाव की अनुमान लगाने की कोशिश एक ख़तरनाक खेल है. समय के बजाय लगातार निवेश करें, क्योंकि अच्छा रिटर्न लंबे समय के निवेश से ही मिलता है.
बाज़ार के रुझान से प्रेरित हो कर निवेश करना, अक्सर ग़लत फ़ैसलों का कारण बनता है. थोड़े वक़्त के बाज़ार के मोमेंटम से प्रभावित होने के बजाय एक स्ट्रैटेजी के साथ प्लान करना ही समझदारी भरा निवेश है.
ये एक बड़ी ग़लती है. भले ही क़र्ज़ से आपका रिटर्न बढ़ जाए, लेकिन नुक़सान भी हो सकता है और तब संभलना मुश्किल हो जाएगा. महत्वाकांक्षा को समझदारी के साथ संतुलित करना बेहद ज़रूरी है.
ये अलग-अलग फ़ाइनेंशियल टूल हैं. इन्हें एक साथ मिलाने से न तो सही इंश्योरेंस कवरेज मिलेगा और न ही अच्छा मुनाफ़ा. दोनों को मिलाने से आप अपने पैसे को उसकी असल ग्रोथ की संभावना से दूर कर देते हैं.
भले ही इक्विटी में उतार-चढ़ावा आते हों, लेकिन उनसे पूरी तरह बचने का मतलब महंगाई को मात देने वाले एकमात्र निवेश से चूक जाना है. अक्सर, ये न केवल संभावित ऊंचे रिटर्न से जुड़ा होता है.
सभी अंडे एक ही टोकरी में रखने (Putting all your eggs in one basket) से आप ऐसा रिस्क लेते हैं जिसकी कोई ज़रूरत नहीं है. अलग-अलग सेक्टर और एसेट क्लास में डाइवर्सिफ़िकेशन रिस्क को कम करने के लिए बहुत ज़रूरी है.
सुनी-सुनाई बातों पर काम करने के विनाशकारी नतीजे हो सकते हैं. आपकी मेहनत की कमाई को भारी नुक़सान पहुंच सकता है. इसलिए निवेश से पहले अच्छी तरह सोचें और भरोसेमंद स्रोतों से मिली जानकारियों पर ही ध्यान दें.
आपका निवेश हमेशा आपके लंबे समय के उद्देश्यों के मुताबिक़ और बेकार के जोख़िमों से सुरक्षित रहना चाहिए. इसलिए, आपको अपने लंबे समय के लक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए और अपने प्लान पर क़ायम रहना चाहिए.
बाज़ार का स्वभाव उतार-चढ़ाव का है. बाज़ार में मंदी के दौरान जल्दबाज़ी में फ़ैसले लेने से नुक़सान हो सकता है. अपने रिटर्न को टिकाऊ बनाने का एकमात्र तरीक़ा निवेश को बनाए रखना है.
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) वो राम बाण है, जो निवेश के बुरे फ़ैसलों जैसे रावण के 10 सिरों के खिलाफ़ सबसे कुशल और प्रभावी हथियार हो सकता है.
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