Published: 13th Nov 2024
मार्केट जब गिरता है तो पैसा बनाने और पैसा बर्बाद करने का फ़र्क़ आपकी प्रतिक्रिया में छिपा होता है
मार्केट कभी ऊपर जाते हैं, कभी नीचे जाते हैं और फिर ऊपर चढ़ जाते हैं; ये मार्केट का स्वभाव है. निवेशक कभी उत्साहित होते हैं और कभी घबरा जाते हैं. ये निवेशकों का स्वभाव है.
लंबे समय तक लगातार चढ़ने के बाद, मुश्किल से पांच हफ़्तों में सेंसेक्स क़रीब 7.5 प्रतिशत गिर गया है, और हमेशा की तरह तबाही की भविष्यवाणियों का सिलसिला फिर चल निकला है.
क्या ये लंबी मंदी की शुरुआत है या ये लंबे समय में ऊपर बढ़ने के सफ़र में महज़ एक और छोटी सी गिरावट है? इस सवाल का जवाब कोई नहीं जानता - और ये अनिश्चितता बाज़ार के काम करने का तरीक़ा है.
अहम सवाल है कि असल में गिर क्या रहा है. सेंसेक्स जैसे बड़े मार्केट इंडेक्स आखिरकार ठीक हो जाते हैं और वापस नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाते हैं. ये एक सदी पुराना पैटर्न है जिसके तब तक बदलने की संभावना नहीं है जब तक भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ती रहेगी.