पुराने निवेश बनाम नए निवेश 

Published: 05th Sep 2024

By: Value Research Dhanak

क्या आप पर्सनल फ़ाइनांस और निवेश के नए-नए आइडिया की ओर खिंचे चले जाते हैं? इस आदत को छोड़ दें!

युवाओं की पसंद!

बुज़ुर्गों की तुलना में युवा लोग निवेश के नए-नए विकल्पों को आज़माने के लिए कहीं ज़्यादा उत्साहित रहते हैं. इससे जुड़ी पोस्ट को सोशल मीडिया पर काफ़ी पसंद किया जाता है. इसमें कुछ भी अनोखा नहीं है.

म्यूचुअल फ़ंड और क्रिप्टो की तुलना

ऐसी ही एक पोस्ट में पुराने बनाम नए निवेशों को अनोखे तरीक़े से बांटा गया था. फ़िक्स्ड डिपॉज़िट, सोना और रियल एस्टेट को पुराने वाली कैटेगरी में रखा गया था. और म्यूचुअल फ़ंड, क्रिप्टो और पी2पी लेंडिंग को नए के तौर पर एक साथ रखा गया था.

क्यों बेहतर हैं म्यूचुअल फ़ंड?

ये वर्गीकरण निवेश के तरीक़ों और उनके इतिहास को लेकर एक बुनियादी गलतफ़हमी दिखाता है. म्यूचुअल फ़ंड क़रीब एक सदी से अस्तित्व में है. वे मज़बूती से स्थापित और अच्छी तरह से रेग्युलेटेड निवेश हैं जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है.

फ़ाइनांस की नासमझी

म्यूचुअल फ़ंड को क्रिप्टोकरेंसी जैसे नए और ग़ैर-भरोसेमंद तरीक़े या पी2पी लेंडिंग जैसे क़र्ज़ के ब्लैक बॉक्स के साथ रखना ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य की कमी और फ़ाइनांस की नासमझी दिखाता है. अलग-अलग निवेश के प्रकारों का ये घालमेल चिंताजनक है.

बुनियादी सिद्धांत

महत्वपूर्ण ये है कि 'नए' और 'इनोवेटिव' निवेश विकल्पों के इस आकर्षण को बुनियादी निवेश सिद्धांतों, रिस्क असेसमेंट और डाइवर्सिफ़िकेशन की अहमियत को समझने के महत्व को कम नहीं करना चाहिए.