Published: 18th Feb 2025
म्यूचुअल फ़ंड्स की तुलना सिर्फ़ रिटर्न से नहीं करनी चाहिए. सही तुलना के लिए निवेश का गोल, रिस्क और फ़ाइनेंशियल प्लान को समझना ज़रूरी है.
किसी भी म्यूचुअल फ़ंड की तुलना उसी कैटेगरी के फ़ंड से करें. जैसे, एक बड़े कंपनी के फ़ंड को मिड-कैप फ़ंड से तुलना न करें. ये परेशान कर सकता है.
कम समय में अच्छे रिटर्न दिखने वाले फ़ंड्स से बहकें नहीं. लंबे समय के प्रदर्शन को देखें, जैसे 3 साल, 5 साल, और 10 साल के रिटर्न.
ज़्यादा रिटर्न का मतलब ज़्यादा रिस्क हो सकता है. "Standard deviation" और "Sharpe ratio" जैसी मीट्रिक से रिस्क की पहचान करें.
फ़ंड के प्रमुख निवेश और सेक्टर की जानकारी लें. अगर फ़ंड कुछ कंपनियों पर ज़्यादा निर्भर है, तो वो रिस्की हो सकता है.
म्यूचुअल फ़ंड्स की तुलना करते समय, रिटर्न, रिस्क, और डायवर्सिफ़िकेशन का सही संतुलन समझना ज़रूरी है. SIP और फ़ंड के सही चुनाव करने से लंबे समय में बेहतर नतीजे मिल सकते हैं.
ये निवेश की सलाह नहीं बल्कि जानकारी के लिए है. अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें.