Published: 24th Feb 2025
1946 में स्थापित, चेन्नई आधारित MRF लिमिटेड टायर्स, ट्यूब्स और अन्य रबर उत्पादों के निर्माण में देश की अव्वल कंपनियों में से है.
पिछले 6 महीनों में 22% और पिछले 1 वर्ष में 27% की गिरावट ने निवेशकों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं.
50-दिन की मूविंग एवरेज से नीचे ट्रेडिंग और अस्थिरता निवेश के शॉर्ट-टर्म फ़ैक्टर हैं.
*MRF के मज़बूत फ़ाइनेंशियल बेस में शामिल हैं: – मार्केट कैप: ₹46,297 Cr – P/E रेशियो: 26.41 – P/B रेशियो: 2.57*
MRF की तुलना अपोलो टायर्स, बालकृष्णा इंडस्ट्रीज़, Ceat और JK टायर से करते हुए मार्केट में इसकी स्थिति को समझा जा सकता है.
*गिरावट के पीछे के फ़ैक्टर हैं: – बाज़ार का मिजाज़ – कच्चे माल की क़ीमतों में उतार-चढ़ाव – आर्थिक फ़ैक्टर – सरकारी नीतियां*
उत्पादन क्षमता विस्तार, तकनीकी निवेश और पर्यावरणीय पहलों से लंबे समय की स्थिरता की संभावना बन रही है.
लंबी अवधि में मज़बूत रिटर्न के लिए फ़ंडामेंटल एनालिसिस करें, लेकिन शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव पर नजर रखें.
MRF में निवेश संभावित रूप से आकर्षक हो सकता है, परंतु निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें. डिस्क्लेमर: ये जानकारी निवेश सलाह नहीं है.