अगर कुछ सीखने की बात हो तो बच्चों का जवाब नहीं है. वे तेज़ी से और आसानी से सीखते हैं. पैदा होने से लेकर बड़े होने तक वे लगातार कुछ न कुछ सीखते रहते हैं.
बच्चों की पढ़ाई के लिए माता पिता का चिंतित होना स्वाभाविक है. लेकिन कम माता-पिता होंगे जो बच्चों को बचपन में फ़ाइनेंशियल एजुकेशन या रुपये पैसे की अहिमयत बताते हैं.
बच्चों को स्कूल में बहुत कुछ पढ़ाया और सिखाया जाता है लेकिन पैसे बचाने की अहमियत और पैसे को कैसे सही तरीक़े से निवेश किया जाए,ऐसा कुछ भी नहीं बताया जाता है.
लेकिन एक माता-पिता के तौर पर आप बच्चे की फ़ाइनेंशियल एजुकेशन उसी समय शुरू कर सकते हैं जब बच्चों की दुनिया खिलौने और कार्टून में होती है. बच्चों के लिए जानिए 3 मनी मंत्र…
बच्चों को बचत के बारे में बताएं, पिग्गी बैंक या गुल्लक दें. उसे इसमें नियमित कुछ पैसे डालने के लिए प्रोत्साहित करें. बच्चे को रोज 1 रुपए का सिक्का दें और गुल्लक में डालने को कहें.
एक दिन गुल्लक भर जाएगी. आप गुल्लक से सारे सिक्के निकालकर बच्चे को दिखाएं. बच्चे के लिए ये शानदार अनुभव होगा. इस तरह, बच्चे को सिस्टमैटिक निवेश का पहला पाठ सिखा सकते हैं.
बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए तो उसे बैंकिंग के बारे में बताएं. सिस्टमैटिक निवेश का तरीक़ा यहां भी वही है. बच्चे का बैंक अकाउंट खुलवाएं, नियमित तौर पर कुछ पैसे अकाउंट डालने को कहें.
यहां उसका अनुभव गुल्लक से थोड़ा अलग होगा क्योंकि उसको अकाउंट में डाले गए पैसे पर ब्याज़ मिलेगा. भले ही, ब्याज़ ज़्यादा नहीं होगा. लेकिन बच्चे के लिए ये काफ़ी होगा.
जब वे थोड़े और बड़े हो जाएं तो उनको शेयर बाज़ार के बारे में बताएं. उनको बताएं कि वे म्युचुअल फ़ंड के जरिए कैसे शेयर बाज़ार में निवेश कर सकते हैं.
अच्छे इक्विटी फ़ंड में SIP करके लंबी अवधि में कैसे बड़ी रक़म जुटा सकते हैं. बाज़ार के उतार चढ़ाव में निवेश बनाए रखने और निवेश जारी रखने की ज़रूरत क्यों हैं, इसे समझाएं.