जब बाज़ार में मुश्किलें बढ़ जाती हैं, तब MLD (Market Linked debentures) धड़ल्ले से चल पड़ते हैं. कम से कम वेल्थ और रिलेशनशिप मैनेजर तो यही दावा करते हैं.
मौजूदा MLD दो साल में अपने इंडेक्स की तुलना में 1.5 गुना रिटर्न का वादा करते हैं. अगर इंडेक्स 22% बढ़ता है, तो निवेशकों को दो साल में 33% का फ़ायदा होगा.
MLD के ज़रिए आप ज़्यादा से ज़्यादा 15.3 प्रतिशत ही कमा सकते हैं, भले ही इंडेक्स कितना भी अच्छा प्रदर्शन करे. दरअसल, इसमें कुछ ख़ामियां और भी हैं.
MLD को एक तरह का लोन समझना चाहिए, जो आप कंपनियों या फ़ाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को देते हैं. शुरुआत के लिए, आपको इनमें इन्वेस्ट करने के लिए कम से कम ₹1 लाख की ज़रूरत होगी.
ये सालाना क़रीब 15.3 % रिटर्न देता है, मगर MLD का मेच्योरिटी पीरियड आमतौर पर कम क़रीब दो साल होता है. इसलिए लंबे समय की फ़ाइनेंशियल प्लानिंग के लिए ये उतना सही नहीं है.
ये पोस्ट सिर्फ़ एक बानगी है. पूरी जानकारी के लिए हमारे धनक “फ़ंड वायर” आर्टिकल को पढ़ें. अगली स्लाइड में उसका लिंक दिया गया है. और, ये रेकमंडेशन नहीं है. निवेश करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च ज़रूर करें.