Published: 18th Feb 2025
राघवेंद्र सोरब का सवाल मिड-कैप फ़ंड्स तो पहले ही 30% लार्ज कैप में लगाते हैं, तो क्या फिर अलग से लार्ज कैप फ़ंड्स में पैसे लगाना सही है?
मिड-कैप फ़ंड्स में निवेश तेज़ी से बढ़ने वाली कंपनियों में होता है, लेकिन इसमें रिस्क और उतार-चढ़ाव भी ज़्यादा होता हैं.
SEBI के हिसाब से, मिड-कैप फ़ंड्स को कम से कम 65% हिस्सा मिड-कैप स्टॉक्स में लगाना ज़रूरी है. बाक़ी 35% हिस्से को फ़ंड मैनेजर अपनी पसंद से लार्ज या स्मॉल-कैप में निवेश कर सकते हैं.
मिड-कैप फ़ंड्स में लार्ज कैप का निवेश सिर्फ़ 12% होता है, जो पोर्टफ़ोलियो की स्थिरता पर असर डाल सकता है.
अगर आप लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप में सही डायवर्सिफ़िकेशन चाहते हैं, तो सिर्फ़ मिड-कैप फ़ंड पर निर्भर होना सही नहीं होगा.
फ़्लेक्सी कैप फ़ंड्स में फ़ंड मैनेजर को हर कैटेगरी में निवेश करने की आज़ादी होती है. लेकिन अब इनमें 80% से ज़्यादा निवेश लार्ज कैप में होता है.
मल्टी-कैप फ़ंड्स लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में कम से कम 25% निवेश करते हैं, जिससे आपको बेहतर डायवर्सिफ़िकेशन मिल सकता है.
अगर आप रिस्क को बैलेंस करना चाहते हैं, तो सिर्फ़ मिड-कैप फ़ंड्स पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. आपको लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप फ़ंड्स का सही संतुलन बनाना चाहिए.
अपने पोर्टफ़ोलियो में लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप फ़ंड्स को शामिल करें. इससे आपको हर मार्केट कैप का फ़ायदा मिलेगा और रिस्क भी कम रहेगा.
ये निवेश की सलाह नहीं बल्कि जानकारी के लिए है. अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें.