Strategies to keep your investments safe even in volatile markets. Know how you can ensure financial security by taking the right decisions.

Strategies to keep your investments safe even in volatile markets. Know how you can ensure financial security by taking the right decisions.

Published: 25th Feb 2025

बाज़ार की अस्थिरता की समझ 

बाज़ार में उतार-चढ़ाव सामान्य बात है. जैसे कि 2008 की वैश्विक मंदी के दौरान भी लंबे समय का निवेश करने वालों ने संयम बनाए रखा, अपना निवेश जारी रखा और बड़ा फ़ायदा कमाया.

ऐतिहासिक परिदृश्य 

1. अतीत की अस्थिरता से सीख लेना चाहिए. 1990 के दशक में बाज़ार में बड़ी अस्थिरता आई थी, जो निवेशक अपने निवेश के लक्ष्य के मुताबिक़ अपने रास्ते पर क़ायम रहे उन्हें लंबे समय में अच्छे  रिटर्न मिले.

रिस्क मैनेजमेंट के तरीक़े  

जोखिम कम करने के लिए रणनीतिक निवेश और डाइवर्सिफ़िकेशन ज़रूरी है. इसकी मिसाल के तौर पर एक बैलेंस्ड पोर्टफ़ोलियो में शेयर, बॉन्ड्स और म्यूचुअल फंड्स जैसे निवेश के तरीक़े शामिल होने चाहिए. इनका रेशियो क्या हो ये आपके निवेश की अवधि और रिस्क सहने की क्षमता पर निर्भर करता है जिसके लिए आपको ख़ुद अनालेसिस करना चाहिए.

डाइवर्सिफ़िकेशन का महत्व 

अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करने से किसी एक क्षेत्र में गिरावट होने पर दूसरे क्षेत्रों का फ़ायदा बैलेंस बनाता है. जैसे कि अगर टेक्नोलॉजी के सेक्टर में में कमी आती है तो निर्माण या फ़ार्मास्युटिकल सेक्टर में स्थिरता रह सकती है.

लंबी अवधि के निवेश के फ़ायदे  

लंबे समय के निवेश से कंपाउंडिंग का फ़ायदा मिलात है. अगर आप नियमित निवेश करते रहते हैं, चाहे बाज़ार में उतार-चढ़ाव आते रहें, तो आपकी निवेश राशि समय के साथ बढ़ने की ही उम्मीद है. ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बाज़ार के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर आप नज़र दौड़ाएंगे तो पाएंगे कि तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद लंबे समय में बाजा़र ऊपर ही गए हैं.

उतार-चढ़ाव में क्या करें आप?  

सभी निवेश के जानकार मानते हैं बड़े उतार-चढ़ाव के दौरान संयम बरतना और जल्दबाज़ी में फ़ैसले ना लेना बेहतर होता है. यानि, बाज़ार के उतार-चढ़ाव के समय संयम बनाए रखना लंबे समय के फ़ायदे पाने का मूलमंत्र है.

व्यक्तिगत निवेश रणनीतियां 

1. अपने रिस्क प्रोफ़ाइल और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार ही अपनी रणनीति बनाएं. जैसे कि एक युवा निवेशक ज़्यादा रिस्क ले सकते हैं, जबकि रिटायरमेंट के नज़दीक लोग, या जिनके निवेश का लक्ष्य बहुत क़रीब है उन्हें सुरक्षित विकल्प ही चुनने चाहिए. ख़ासतौर से तब जब वो अपने निवेश की समयसीमा को आगे नहीं खिसका सकते हों.

🚨 डिस्क्लेमर 

ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.