Mutual Fund: Expense ratio का मुनाफ़े पर असर?

Mutual Fund: Expense ratio का मुनाफ़े पर असर? 

Published 27th June 2024

Expense ratio क्या होता है?

Expense ratio एक फ़ीस है जो निवेशक अपने पैसे को मैनेज करने के लिए Mutual Fund कंपनियों को देते हैं. इसमें फ़ंड मैनेजमेंट की फ़ीस, एजेंट कमीशन, बिक्री और प्रचार का ख़र्च जैसी फ़ीस शामिल होती है.  

इक्विटी फ़ंड में Expense ratio

इक्विटी फ़ंड के लिए एक्सपेंस रेशियो 0.5 से 2.50% के बीच कहीं भी हो सकता है. देखने में ये रक़म ज़्यादा बड़ी नहीं लगती है, लेकिन लंबे समय में आपके रिटर्न को काफ़ी हद तक खा सकता है. 

Expense ratio से रिटर्न में नुक़सान

1.5% का Expense ratio निवेश के रिटर्न का क़रीब 40% ख़त्म कर सकता है. 1% से भी ज़्यादा का एक्सपेंस रेशियो निवेश के कुल रिटर्न का क़रीब 30% खत्म कर सकता है. 

ऐसे करें फ़ंड का चुनाव

उन फ़ंड्स को देखें जिनका Expense ratio कम है. मगर क्या कम एक्सपेंस रेशियो वाला फ़ंड चुनना काफ़ी है? बिल्कुल नहीं, सबसे पहले तो फ़ंड लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाला होना चाहिए.  

निवेश को ख़ुद मैनेज कर सकते हैं

अगर आप अपने निवेश को ख़ुद मैनेज कर सकते हैं, तो आप आसानी से डायरेक्ट प्लान का चुनाव कर सकते हैं. इससे आप अपना एक्सपेंस रेशियो काफ़ी कम कर लेंगे और समय के साथ कुछ ज़्यादा रिटर्न पा सकेंगे. 

डिस्क्लेमर

ये लेख निवेश से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.