Active और Passive Funds में क्या अंतर होता है?

Mutual Fund के दो प्रकार

म्यूचुअल फ़ंड ख़ास तौर पर दो तरह के होते हैं. Active Mutual Fund और दूसरा Passive Mutual Fund. इसमें फ़ंड मैनेजर Mutual Fund स्‍कीम में आपके पैसों को एक्टिव या पैसिव तरीक़े से मैनेज करता है.

एक्टिव और पैसिव म्यूचुअल फ़ंड क्या हैं?

पैसिव म्यूचुअल फ़ंड मार्केट को ट्रैक करते हैं. एक्टिव फ़ंड के मुक़ाबले इनमें उतार-चढ़ाव कम होता है. इंडेक्स फ़ंड और ETF पैसिव फ़ंड हैं, जो अपने संबंधित बेंचमार्क को ट्रैक करते हैं.

एक्टिव और पैसिव फ़ंड में अंतर

एक्टिव फ़ंड्स वो होते हैं, जहां फ़ंड मैनेजर पोर्टफ़ोलियो में ख़रीदने, बेचने या रीबैलेंसिंग के लिहाज़ से फ़ंड को एक्टिवली मैनेज करते हैं. पैसिव फ़ंड्स में फ़ंड मैनेजर का ज़्यादा रोल नहीं रहता है.

पैसिव फ़ंड की ख़ासियत

पैसिव फ़ंड में फ़ंड मैनेजर का ज़्यादा रोल नहीं होने से इसकी कॉस्ट काफ़ी कम हो जाती है. हाल में, कुछ पैसिव फ़ंड्स ने अच्छा रिटर्न भी दिया है. इसमें रिस्क का लेवल कम होता है.

ज़्यादा रिस्‍क और ज़्यादा रिटर्न

Active funds का एक्‍सपेंश रेशियो ज़्यादा होता है. रिटर्न भी ज़्यादा मिलने की उम्‍मीद रहती है. और रिस्‍क भी हाई रहता है.

डिस्क्लेमर

इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.

पढ़ने के लिए धन्यवाद!