Published: 24th July 2024
By: Dhanak Value Research
म्यूचुअल फ़ंड, कम पैसे के निवेश में डाइवर्सिफ़िकेशन(कई जगह किया जाने वाला निवेश) का ऑप्शन देता है. यानी किसी भी एक फ़ंड में लगा आपका पैसा, कई शेयरों या बॉन्ड्स में लगा होता है.
म्यूचुअल फ़ंड का ख़र्च (जिसे एक्सपेंस रेशियो कहते हैं), आमतौर पर आपके निवेश का 1.5-2.5% होता है. ये एक्सपेंस रेशियो एक फ़ीस है. ये फ़ीस इसलिए कम होती है क्योंकि एक म्यूचुअल फ़ंड में बहुत से लोग निवेश करते हैं इसलिए ये ख़र्च सबके बीच बंट जाता है.
आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत अपने फ़ाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट के लिए हर फ़ाइनेंशियल ईयर में अधिकतम ₹1.5 लाख तक टैक्स में छूट ले सकते हैं. इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश का एक बड़ा कारण टैक्स सेविंग है.
आपके म्यूचुअल फ़ंड निवेश का मैनेजमेंट एक्सपर्ट और प्रोफ़ेशनल फ़ंड मैनेजर द्वारा किया जाता है. इसके साथ रिसर्च करने वालों की एक बड़ी टीम भी होती है. फ़ंड मैनेजर आपके पैसों के लिए निवेश की स्ट्रैटजी तैयार करते हैं. रिसर्च टीम, निवेश के लिए फ़ंड के मैंडेट (निवेश के उद्देश्य) के मुताबिक़ निवेश का ज़रिया चुनती है.
इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.