ETF क्या है और ये कैसे काम करता है?

ETF: स्टॉक और फ़ंड दोनों की ख़ूबियां

अगर आप निवेश में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने 'ETF' के बारे में सुना होगा. ETF आमतौर पर निफ़्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स को ट्रैक करता है. इस तरह से, ETF में एक स्टॉक और एक फ़ंड दोनों की ख़ूबियां जुड़ी होती हैं.

सबसे आसान तरीक़ा

जैसा कि ETFs इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, इसलिए ये बाज़ार जैसा रिटर्न पाने का एक आसान ज़रिया हैं. लक्ष्य पाने के उद्देश्य से सेंसेक्स या निफ़्टी ETF ख़रीदना सबसे आसान तरीक़ा है.

ETF का बड़ा फ़ायदा

ETF का एक बड़ा फ़ायदा ये भी है एक्टिव मैनेजमेंट वाले फ़ंड्स के मुक़ाबले इसकी कॉस्ट कम होती है. ऐसा इसलिए एक्टिव मैनेजमेंट वाले फ़ंड की तुलना में ETFs में ट्रांज़ेक्शन बहुत कम होते हैं.

इसमें डाइवर्सिफ़िकेशन है आसान

जब आप ETF में निवेश करते हैं, तो आपको तुरंत डाइवर्सिफ़िकेशन मिल जाता है. इसके अलावा, आप चाहे कितनी भी रक़म निवेश करें, आपका ये डाइवर्सिफ़िकेशन बना रहता है.

ट्रांसपरेंसी होती है

ETF का पोर्टफ़ोलियो, अपने इंडेक्स के जैसा ही होता है. क़ीमतें रियल टाइम में उपलब्ध होती हैं. जिससे आपको मालूम रहता है कि आपको मिल रहा है और आपका निवेश कैसा चल रहा है.

कौन निवेश कर सकता है?

लंबे समय के दौरान अगर कोई भारतीय इक्विटी से फ़ायदा उठाना चाहता है, वो ETF में निवेश कर सकता है. इसलिए, अगर आपके पास अपना पोर्टफ़ोलियो मैनेज करने का समय नहीं है, तो ETF में निवेश कर सकते हैं.

डिसक्लेमर!

हमारा उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है. पूरी जानकारी के बाद ही निवेश करें. ETF के बार एमैन और जानने के लिए हमरे Dhanak के आर्टिकल को पढ़िए. लिंक अगली स्लाइड में है.

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