Published: 15th Aug 2024
By: Value Research Dhanak
आज़ादी के 78 साल पूरे होने पर हम जश्न तो मन रहे हैं लेकिन फ़ाइनेंशियल आज़ादी का क्या? कई लोग इस बारे में ठीक तरह से विचार नहीं करते हैं और आर्थिक परेशानियां, बेलगाम ख़र्च जैसे मसलों से जूझते रहते हैं. हम यहां आपको फ़ाइनेंशियल फ़्रीडम के 5 मंत्र बताने जा रहे हैं.
हर महीने का बजट बनाना और उस पर अमल करना अच्छी फ़ाइनेंशियल हेल्थ का एक बेहतर तरीक़ा है. इससे पक्का हो जाता है कि आपके सभी बिल सही समय पर दिए जाएंगे और बचत भी ठीक से होती रहेगी.
इमरजेंसी फ़ंड का मतलब है, वो पैसा जो आप अचानक आए किसी भी ख़र्च के लिए अलग रखा जाता है. इमरजेंसी फ़ंड आपके छह महीने के ख़र्च के बराबर होना चाहिए.
एक कहावत है, 'इलाज से बेहतर है रोकथाम' ये बात आपकी फ़ाइनेंशियल हेल्थ के मामले में अहम रोल अदा करती है. आख़िर आप बीमारियों को आने से तो नहीं रोक सकते. साथ ही, इलाज के बढ़ते ख़र्च ने भी हेल्थ इंश्योरेंस को बेहद ज़रूरी बना दिया है.
स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव आपको डरा सकते हैं, मगर पूंजी बढ़ाने का एकमात्र तरीक़ा है - निवेश. इसका स्पष्ट कारण है - कंपाउंडिंग की ताक़त. कंपाउंडिंग का जादू आपके पैसे को एक अर्से के दौरान बढ़ाता जाता है.
SIP एक तयशुदा तरीक़े से निवेश का ज़रिया है. SIP में छोटी रक़म लंबे समय तक निवेश कर के कॉर्पस तैयार कर सकते हैं. इस तरीक़े से किया गया निवेश, लंबे समय तक बढ़ता रहता है, और आपके निवेश का ख़र्च कम रहता है.
ये फ़ाइनेंशियल रूल आज़माए और परखे हुए हैं. उन्हें अपनी स्थिति के मुताबिक़ फिर से ढालें और बेहतर फ़ाइनेंशियल फ़ैसले लें.