KYC या कस्टमर को सताइए

बार-बार KYC का क्या मतलब

KYC होने से काले धन और बेनामी निवेशकों के Mutual Funds निवेश पर रोक लग सकती है. यानी KYC अच्छा है इसलिए ज़्यादा KYC किया जाना और अच्छा होगा, नहीं?

reKYC की ये बातें ध्यान देने वाली हैं

1. KYC को बहुत बार करने से निवेश में रुकावट आती है. 2. reKYC की बार-बार मांग बेमतलब है. 3. ईमानदार निवेशकों को भी परेशानी होती है. 4. reKYC की गाइडेंस, असलियत से मेल नहीं खाती है.

पहले क्या थी सहूलियत

पहले, बड़ी संख्या में निवेशक एक डिस्ट्रीब्यूटर के ज़रिए निवेश करते थे. डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम का काम करने का तरीक़ा जानता था. उसे कमीशन के लिए ट्रांज़ैक्शन और KYC पूरा करना होता था.

आज की समस्या

आजकल, फ़ेस-टू-फ़ेस वाली सर्विस ज़्यादातर निवेशकों के लिए मौजूद ही नहीं है. सोशल मीडिया से पता चलता है कि बहुत सारे निवेशकों को ' KYC होल्ड पर' में डाल दिया गया है और ट्रांज़ैक्शन ब्लॉक कर दिए गए हैं.

KYC: 7 दस्तावेज़, लेकिन चलता सिर्फ़ आधार है

KYC पर आधिकारिक FAQ में 7 तरह के दस्तावेज़ों की लिस्ट है. जो KYC के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं. शिकायतें हैं कि 7 में से केवल आधार ही स्वीकार किया जाता है. ऐसा क्यों है? किसी को पता नहीं?

कस्टमर को मत सताओ

ये समस्या निवेशकों के लिए नासूर बन गई है. असल में, हमें केवल नियमों/ क़ानूनों में संशोधन की ज़रूरत है. इस पूरी KYC की गतिविधि केवल यूं ही बढ़ाया गया एक विशाल प्रोजेक्ट है जिसकी ज़रूरत नहीं है.

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें