Saving: अगर आप SCSS अकाउंट खोलने के दो साल बाद या 5 साल में मेच्योर होने से पहले बंद करवा देते हैं, तो जमा की गई रक़म पर 1% जुर्माना लगता है.
वर्तमान में लागू 8.2% ब्याज़ दर पाने के लिए, आपको पांच साल के नए टर्म के साथ, एक नया SCSS अकाउंट खोलना होगा, जो मेच्योर होने तक लॉक रहेगा.
Saving: बढ़ी हुई ब्याज़ दर पर नया अकाउंट खुलवाने का मतलब है, रिटर्न में 0.8% की बढ़ोतरी. इससे नया SCSS अकाउंट खोलने के पहले 3 साल के दौरान, ₹21,000 की अतिरिक्त ब्याज की आमदनी होगी.
Saving: नया SCSS अकाउंट खुलने से निवेश की अवधि बढ़ जाती है और अगर आपको 5 साल के तुरंत बाद पैसों की ज़रूरत नहीं है, तो इसे आगे बढ़ाना फ़ायदेमंद रहेगा.
इससे पहले कि आप अपना मौजूदा SCSS अकाउंट बंद कराएं और नया अकाउंट खोलें, इसके नतीजों के बारे में ज़रूर सोच-विचार कर लें.
Saving: नया SCSS अकाउंट खोलना फ़ायदेमंद हो सकता है, बशर्ते आप ब्याज दर में केवल 0.8% की वृद्धि (₹21,000) के लिए SCSS अकाउंट बंद करने और खोलने की परेशानी से गुज़रने के लिए तैयार हों.
Saving: अगर आपको अब से तीन साल बाद, यानी पांच साल की अवधि ख़त्म होने पर तुरंत पैसों की ज़रूरत पड़ सकती है, तो अपने शुरुआती SCSS अकाउंट से जुड़े रहें.
ये लेख/पोस्ट सामान्य जानकारी देने के लिए है, इसे हमारी सलाह न समझें.