Published: 14th Oct 2024
By: Value Research Dhanak
क्या डिस्ट्रीब्यूटर के ज़रिए Mutual Fund निवेश करना सही है? हालांकि, इसका कोई सीधा जवाब नहीं है लेकिन इसका हल ज़रूर है.
हमारे एक पाठक ने हमसे पूछा कि "मैं म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने के लिए अपने एडवाइज़र की मदद लेना चाहता हूं. क्या ये एक अच्छा विचार है?” आइए इसका जवाब तलाशते हैं.
क़रीब 79% भारतीय 'रेगुलर' इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करते हैं. यानी, वे अपना पैसा एडवाइज़र्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के ज़रिये फ़ंड में डालते हैं. वहीं, पांच में से केवल एक ही व्यक्ति ख़ुद 'डायरेक्ट' इक्विटी फ़ंड में निवेश करता है.
आप म्यूचुअल फ़ंड में नए हैं और नहीं जानते कि म्यूचुअल फ़ंड कैसे काम करते हैं या आप ख़ुद म्यूचुअल फ़ंड नहीं चुन सकते आपके पास यह जानने का समय और स्किल नहीं है कि म्यूचुअल फ़ंड कैसे काम करते हैं.
आप जानते हैं कि किस म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना है और आप ज़्यादा ख़र्च करने से बचना चाहते हैं. (रेगुलर फ़ंड्स में आमतौर पर डायरेक्ट फ़ंड्स के मुक़ाबले एक्सपेंस रेशियो 1% ज़्यादा होता है).
लंबे समय में एक्सपेंस रेशियो कैसे आपकी वेल्थ को खा सकता है. जैसे आपने पराग पारिख फ़्लेक्सी कैप फ़ंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के ज़रिये ₹50,000 का निवेश किया है, तो 10 साल के बाद आपका अंतिम निवेश मूल्य होगा.
इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.
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