ये पैसिव तरीक़े से मैनेज होने वाले Debt Fund हैं. इनकी मेच्योरिटी पहले से तय होती है. ये फ़ंड अपनी अवधि के आसपास मेच्योर हो रही डेट सिक्योरिटीज़ में निवेश करता है.
पिछले कुछ महीनों में, टारगेट मैच्योरिटी फ़ंड का रिटर्न अच्छा रहा है. अगर निवेशक मेच्योरिटी तक निवेश को होल्ड करता है, तो उसे ब्याज दर के रिस्क से सुरक्षा मिलती है.
इस समय जब ब्याज दरें अपने सबसे ऊंचे स्तर पर हैं, तो टारगेट मेच्योरिटी फ़ंड में निवेश करना और रेट ऑफ़ रिटर्न तय करना या लॉक कर देना बेहतर है.
ऐसी स्कीमों पर तभी ग़ौर करें, जब वो इसके साथ अपना निवेश भी मैच कर सकें. जैसे-अगर निवेशक 3 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो 2025-26 के आसपास मेच्योर हो रहे फ़ंड में निवेश करें.
आमतौर पर, SIP इक्विटी फ़ंड के लिए अच्छा ज़रिया है, क्योंकि इसमें रुपये की लागत एवरेज होने का फ़ायदा मिलता है. यानी जब उतार-चढ़ाव आता है तो निवेशकों को अलग-अलग क़ीमत पर यूनिट मिलती हैं.
टारगेट मेच्योरिटी फ़ंड एक डेट फ़ंड है. इनमें इक्विटी फ़ंड जैसा उतार-चढ़ाव नहीं होता. इनमें निवेश का पहला लक्ष्य रेट लॉकइन करना है. इसलिए आप इस फ़ंड में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं.