ये तभी संभव है जब निवेशक का देहांत हो जाए. ऐसे में म्यूचुअल फ़ंड यूनिट्स को नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफ़र करने की इजाज़त दी जाती है.
नॉमिनी को KYC दस्तावेज़ों के साथ निवेशक का डेथ सर्टिफ़िकेट दिखाना ज़रूरी होता है. इसके बाद ही म्यूचुअल फ़ंड यूनिट्स को नॉमिनी के नाम पर ट्रांसफ़र कर दिया जाता है.
म्यूचुअल फ़ंड यूनिट्स को न ही गिफ़्ट कर सकते है और न ही इसे ट्रांसफ़र किया जा सकता है. इसका बस एक ही तरीक़ा है कि Mutual Fund निवेश बच्चों के नाम पर किया जाए.
बच्चे के बर्थ सर्टिफ़िकेट के अलावा फ़ंड हाउस को गार्जियन के KYC दस्तावेज़ों की भी ज़रूरत होती है.
टैक्स की बात करें तो नाबालिग बच्चे के नाम पर, Mutual Fund बेचने से मिलने वाले मुनाफ़े को माता-पिता की इनकम में जोड़ दिया जाता है.
म्यूचुअल फ़ंड निवेश को बच्चे के 18 साल का होने के बाद रिडीम कर सकते हैं, तो मामले में केवल बच्चे के ऊपर ही टैक्स की देनदारी बनेगी.
Mutual Fund निवेश (जो पहले से ही आपके नाम पर है) तो निवेश को निकालकर, बच्चे के बैंक अकाउंट में ट्रांसफ़र करना और इस पैसे का इस्तेमाल बच्चा नए निवेश के लिए कर सकता है.
Mutual Fund हाउस को किसी भी थर्ड पार्टी से पैसा लेने की इजाज़त नहीं हैं. जिसके नाम पर यूनिट जारी की जाती हैं, सिर्फ़ वही निवेश कर सकता है, दूसरा कोई नहीं.