क्या मार्केट का अंदाजा लगाकर निवेश करना मूर्खता है?

Published:  21st Nov 2024

By: Value Research Dhanak

मार्केट में अपने निवेश को टाइम करना जोख़िम भरा है. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि अनुभवी निवेशकों के लिए ये और भी बड़ा सच है.  

मार्केट टाइम करने का मतलब 

मार्केट टाइम करने का मतलब हुआ, मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे, इसका अंदाज़ा लगा कर निवेश रोकना या करना. हालांकि, याद रखें कि कि मार्केट में बड़ी गिरावटें बहुत कम होती हैं. ये निवेशकों को गिरावट में कोई मायने रखने वाली ख़रीदारी करने के लिए सीमित और दुर्लभ अवसर देती हैं.  

एक उदाहरण से समझें 

पिछले 22 साल में एक दिन में 5% की गिरावट केवल 22 बार हुई है. ग्लोबल फ़ाइनेंशियल क्राइसिस और कोविड को छोड़ दें तो आपको पता चलेगा कि ऐसा हर 4 से 5 साल में एक बार होता है.   

टाइमिंग का फ़ेल होना 

अब, मान लें कि 20 साल के लिए हर महीने ₹10,000 की SIP 12% की दर से बढ़ती है. अगर मार्केट में 5% की गिरावट आने पर आप अतिरिक्त ₹10,000 का निवेश करते हैं, तो रिटर्न मुश्किल से 12.02% तक बढ़ेगा, ये मानते हुए कि आपको साल में एक बार मौक़ा मिलता है. इस तरह से मामूली अंतर आता है. 

कहानी का सार 

मार्केट का सही अनुमान लगाना मुश्किल है और काफ़ी हद तक बेकार भी. यही कारण है कि म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों के लिए SIP डिज़ाइन किए गए हैं. SIP के साथ, आप मार्केट के ऊपर जाने पर कम यूनिट ख़रीदते हैं और नीचे जाने पर ज़्यादा यूनिट खरीदते हैं, जिससे आपकी लागत औसत हो जाती है.