क्या सीधे स्टॉक में इन्वेस्ट करना अच्छा है?

Equity Investment: शेयर बाज़ार में सीधे निवेश के नुक़सान

अगर आप एक नए निवेशक हैं और इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं तो सीधे स्टॉक या शेयरों में निवेश करना आपके लिए मुश्किल और बड़ी मेहनत का काम हो सकता है. फिर चाहे ये SIP से ही क्यों न हो.

Equity Investment: शेयर बाज़ार में सीधे निवेश मुश्किल क्यों

आप जिस कंपनी में निवेश करेंगे उसे कई पैमानों पर परखने की ज़रूरत होगी. अपने निवेश के गोल और आपकी तय की हुई अवधि के मुताबिक़ कोई एक निवेश खोजना नए निवेशक के लिए मुश्किल है.

Equity Investment: शेयर बाज़ार के उतार-चढ़ाव

मार्केट में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. अगर आप सीधे शेयरों में निवेश करते हैं तो आपको अपने निवेश पर नज़र रखनी होगी. इसमें समय लगता है और हो सकता है ज़रूरत के वक़्त आपका शेयर गिरा हुआ हो.

Equity Investment: म्यूचुअल फ़ंड के ज़रिए इक्विटी निवेश

म्यूचुअल फ़ंड के ज़रिए इक्विटी निवेश में आपको बेहतर सहूलियत और प्रोफ़ेशनल मैनेजमेंट का फ़ायदा मिलता है.

Equity Investment: स्टॉक इन्वेस्टमेंट में कड़ी नज़र रखनी ज़रूरी

स्टॉक निवेश पर नज़र रखनी होती है, जैसे कि कौन सा स्टॉक महंगा हुआ, कौन सा स्टॉक बेहतर है. यानी ख़रीदना और बेचना पड़ता है इस पर ध्यान देना ज़रूरी है.

Equity Investment: म्यूचुअल फ़ंड का बड़ा फ़ायदा

तो, जहां स्टॉक की सीधे ख़रीद-बेच करना पर टैक्स निवेशक को टैक्स देना होता है. वहीं फ़ंड निवेश में आप टैक्स तभी देते हैं जब फ़ंड से पैसे निकालते हैं. और स्टॉक ख़रीदने बेचने का काम फ़ंड करता है.

Equity Investment: इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड से शुरुआत करें

SIP के ज़रिए इक्विटी में निवेश की शुरुआत प्योर इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड या हाइब्रिड फ़ंड से की जाए तो बेहतर है. क्योंकि फ़ंड में अनुभवी फ़ंड मैनेजर बारीक़ी से हर शेयर को जांचने-परखने के बाद ही निवेश करते हैं.

पढ़ने के लिए धन्यवाद!