म्यूचुअल फ़ंड आज के दौर में लंबी समय में एक अच्छी वेल्थ क्रिएशन के लिए बेहतर ऑप्शन है. SIP म्यूचुअल फ़ंड्स निवेश के लिए सबसे पॉपुलर है.
SIP ही नहीं किसी भी निवेश से विड्रॉल के समय कुछ बातों पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए. इनमें निवेशक का फ़ाइनेंशियल गोल, निवेश का मकसद, मार्केट की स्थिति, एग्ज़िट लोड और टैक्स शामिल है.
ELSS में 3 साल का लॉक-इन होता है. अगर निवेश SIP के ज़रिए किया गया है, तो SIP की पहली किश्त 3 साल के बाद और दूसराी 3 साल 1 महीने के बाद रिडीम कर सकते हैं.
कुछ फ़ंड्स को तय समय से पहले रिडीम करने पर 1% या इससे ज़्यादा का एग्जिट लोन देना होता है. इक्विटी फ़ंड्स के मामले में 1 साल का समय होता है.
इक्विटी फ़ंड में 10% (एक साल के बाद) और 20% (3 साल बाद) टैक्स लगता है. इसलिए, अपने गोल को ध्यान में रखते हुए रिडेम्शन का फैसला करें.
AMFI के मुताबिक, ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से म्यूचुअल फ़ंड SIP से पैसा निकाल सकते हैं.
इसमें यूनिट हल्डर को AMC या रजिस्ट्रार के डेजिग्नेटेड ऑफिस में रिडेम्शन रिक्वेस्ट फॉर्म जमा करना होता है. इसमें यूनिट होल्डर का नाम, फ़ोलियो नंबर, स्कीम और कितनी यूनिट रिडीम करनी है, ये बताना होता है.
इसमें यूनिट होल्डर को संबंधित म्यूचुअल फ़ंड के 'ऑनलाइन ट्रांजैक्शन' पेज पर लॉग-इन करना होता है. फ़ोलियो नंबर या PAN के ज़रिए लॉग-इन करें, उसके बाद स्कीम और यूनिट्स (या अमाउंट) की देनी होती है.
CAMS, Karvy जैसे सेंट्रल सर्विसेज़ प्रोवाइडर्स भी कई एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) से खरीदे गए म्यूचुअल फ़ंड के रिडेम्शन ऑफर करती हैं. इसके लिए आप ऑनलाइन फॉर्म को डाउनलोड कर सकते हैं.
इस लेख का उद्देश्य फ़ंड निवेश की जानकारियां देना है. इसे निवेश की सलाह न समझें.