अपने निवेश से अच्छे रिटर्न की उम्मीद सबको होती है. मगर निवेश के मुनाफ़े या रिटर्न को लेकर आपका क्या रवैया होना चाहिए. इसके बजाए आप अपने निवेश का पूरा फ़ायदा उठाने के लिए इन बातों पर विचार करें.
सिर्फ़ अधिकतम रिटर्न के लिए इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट चुनना ख़तरे को दावत देना है. बेहतर होगा, कोई क़दम उठाने से पहले निवेश के हर विकल्प की कमियां और फ़ायदे को समझें.
निवेश को म्यूचुअल फ़ंड की तमाम कैटेगरी में डायवर्सीफ़ाई करने पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है.अगर एक फ़ंड ख़राब प्रदर्शन कर भी रहा है, तो दूसरे फ़ंड के रिटर्न आपके पोर्टफ़ोलियो को संतुलित कर देते हैं.
इक्विटी मार्केट, कम समय में उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है. ऐसे में अपना सारा पैसा एक ही फ़ंड में लगाने से बचें. अपने निवेश को एक तय समय के बाद बढ़ाए, इससे निवेश पर मार्केट की गिरावट का असर कम होगा.
सही एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी आपके निवेश के जोख़िम और रिटर्न को संतुलित करने में मदद करती है. डेट और इक्विटी दोनों में निवेश बंटा हुआ निवेश आपके पैसे को ज़्यादा सुरक्षित रखता है.
ये लेख/ पोस्ट म्यूचुअल फ़ंड में ध्यान रखने वाली बातों की जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.