अगर आप ख़ुद अपना पोर्टफ़ोलियो बनाना चाहते हैं या पहले से मौजूद निवेश को बेहतर करना चाहते हैं तो अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ कम फ़ंड्स में निवेश करने का लक्ष्य रखें.
अपने निवेश का लक्ष्य तय करें. जैसे कि अगर अपनी पूंजी सुरक्षित रखने के लिए निवेश कर रहे हैं, तो स्मॉल-कैप फ़ंड में निवेश की ज़रूरत नहीं है.
एक बार अपने निवेश का लक्ष्य और उसकी अवधि को तय करने के बाद फ़ंड्स चुनें. इसके बाद उन फ़ंड्स की होल्डिंग की तुलना करें.
अगर आपके चुने दो फ़ंड ऐसे हैं जिनकी होल्डिंग (शेयरों में फ़ंड का निवेश) एक जैसी है, तो उनमें से एक ही रखें. दूसरा निकाल दें क्योंकि एक ही स्टॉक वाले ज़्यादा फ़ंड का कोई मतलब नहीं.
इसके बाद, आप अपने चुने फ़ंड्स का एक्सपेंस रेशियो देखें. ये फ़ीस है जो फ़ंड आपसे चार्ज करता है. अगर दो फ़ंड्स की होल्डिंग एक जैसी है तो उसे चुनें जिसका एक्सपेंस रेशियो कम हो.
अगर पहले से मौजूद पोर्टफ़ोलियो में बदलाव कर रहे हैं, तो एक ही कैटेगरी के उन फ़ंड्स को बेच दें जिनमें बहुत थोड़ा पैसा लगा हो.
अगर आपके पास 3 लार्ज-कैप फ़ंड हैं, तो उस पैसे को एक ही बेहतर फ़ंड में लगाएं. इससे मैनेजमेंट से जुड़े ख़र्च बचेंगे और डाइवर्सिफ़िकेशन पहले जैसा रहेगा.
इस तरह से आप अपना पोर्टफ़ोलियो ख़ुद बना सकेंगे जो आपके लक्ष्य के मुताबिक़ आपको ज़्यादा-से-ज़्यादा फ़ायदा दे. Dhanak.com पर भी आपके लक्ष्य के मुताबिक़ बेस्ट फ़ंड्स के सुझाव आपको मिलेंगे.