Compound interest यानी चक्रवृद्धि ब्याज़ तब काम करता है जब निवेश किए गए मूल धन में ब्याज़ भी जुड़ जाता है. इस तरह से आपके निवेश में जो ब्याज़ जुड़ता है, वो भी ब्याज कमाता है.
कंपाउंडिंग में 'समय' यानी निवेश का पीरियड सबसे अहम है. इसमें आपके रिटर्न पर कमाई होती है और इसके बाद, पहले मिले रिटर्न पर मिलने वाला रिटर्न भी कमाई करना शुरू करता है.
आप हर महीने ₹500-1,000 निकालिए और आपको ये देखकर आश्चर्य होगा कि कितना पैसा जमा हो जाता है. कंपाउंडिंग आपका पैसा लेती है, उसे बढ़ाती है और फिर फ़ायदे को निवेश करती रहती है.
हकीकत यही है कि अगर आप बड़ी वेल्थ बनाना चाहते हैं, तो आपको अभी शुरुआत करनी होगी. जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, आप बाद में उतना ही ज़्यादा फ़ायदे के लिए तैयार होंगे.
कंपाउंडिंग के फ़ायदे को ज़्यादा करने का सबसे सरल तरीक़ा लंबा टाइम-फ़्रेम है. क्योंकि पैसे से पैसा बनता है या कंपनी बढ़ती है, और इसे और आगे बढ़ने दीजिए. और अपने निवेश को अच्छी तरह से डायवर्सिफ़ाईड कीजिए.
ज़्यादा जानकारी के लिए आप हमारे धनक के “लर्निंग” आर्टिकल को पढ़ सकते हैं. लिंक अगली स्लाइड में है. इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.