जैसे आप tax file करने के लिए CA को और घर बनाने के लिए किसी contractor को पैसे देते हैं, उसी तरह फ़ंड मैनेजर भी investment मैनेज करने की फ़ीस लेते हैं.
अपना इन्वेस्टमेंट मैनेज करने के लिए आप म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों को फ़ीस देते हैं, इसे ही एक्सपेंस रेशियो कहते हैं.
एक्सपेंस रेशियो में फ़ंड हाउस का सारा ख़र्च शामिल होता है. ये चार्ज हैं-1. फ़ंड मैनेजमेंट फ़ीस, 2. एजेंट कमीशन, 3. सेल और एडवरटाइज़िंग से जुड़े ख़र्च, आदि.
ध्यान रखें कि equity mutual fund का expense ratio 2.25% से ज़्यादा नहीं हो सकता, जबकि debt fund के मामले में ये 2% से ज़्यादा नहीं हो सकता है.
फ़ंड का एक्सपेंस रेशियो आप AMC की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं या आप धनक वेबसाइट search bar में fund का नाम enter करके आसानी से check कर सकते हैं.
फ़ंड दो तरह के होते हैं-'रेगुलर' और 'डायरेक्ट'. 'regular funds' का एक्सपेंस रेशियो 'direct funds' से ज़्यादा होता है. डायरेक्ट प्लान में आप अच्छे returns पा सकते हैं.