अगर जल्दबाज़ी में गलत Health Insurance ले लिया है तो आप उसे आसानी से पोर्ट करवा सकते हैं. पॉलिसी पोर्ट कराना अपने सिम कार्ड को पोर्ट कराने जितना ही आसान है.
जब आप हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट कराते हैं तो उसमें पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड पोर्ट हो जाता है. साथ ही नो क्लेम बोनस और 30 दिन का वेटिंग पीरियड भी पोर्ट हो जाता है.
जब आपके पॉलिसी की रिन्युअल तारीख़ आने वाली हो, उससे कम से कम 45 दिन पहले आपको पॉलिसी को पोर्ट करने के लिए अप्लाई करना चाहिए.
आपको उस कंपनी में अप्लाई करना होगा, जिसमें अपनी पॉलिसी को पोर्ट कराना चाहते हैं. इसके बाद आपको कंपनी की तरफ से प्रपोज़ल और पोर्टेबलिटी फ़ॉर्म भेजा जाएगा.
फॉर्म में सभी ज़रूरी डिटेल जैसे- पॉलिसीहोल्डर का नाम, ईमेल आईडी, फ़ोन नंबर आदि भरने के बाद फ़ॉर्म जमा कर दें.
अगर नई इंश्योरेंस कंपनी को सही इनफ़ॉर्मेशन नहीं मिलती है. तो वो पोर्टेबिलिटी को होल्ड कर सकती है.
इंश्योरेंस कराने वाले की मेडिकल हिस्ट्री की रिपोर्ट और उसकी कॉपी, नो क्लेम बोनस का सर्टिफ़िकेट, फ़ॉलो-अप रिपोर्ट और अगर कोई क्लेम लिया है तो उससे जुड़े दस्तावेज़ जैसे डिस्चार्ज सर्टिफ़िकेट आदि जमा करने होंगे.
नई इंश्योरेंस कंपनी को सारे दस्तावेज़ मिलने के बाद, उसे 15 दिन के अंदर पॉलिसी पोर्ट कराने की एप्लिकेशन मंजूर या ख़ारिज करने की सूचना देनी होती है.