Published: 21st Feb 2025
सोने का भाव कभी ऊपर तो कभी नीचे क्यों जाता है? इसके पीछे कई फ़ैक्टर्स होते हैं जो गोल्ड की क़ीमत को सीधे प्रभावित करते हैं.
सोने का रेट ग्लोबल मार्केट से जुड़ा होता है. इंटरनेशनल लेवल पर डॉलर की मज़बूती या कमज़ोरी सीधा गोल्ड के प्राइस को प्रभावित करती है.
डॉलर स्ट्रॉन्ग होगा तो गोल्ड सस्ता और डॉलर कमज़ोर तो गोल्ड महंगा होता है. असल में, गोल्ड की अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में ट्रेडिंग डॉलर में होती है.
त्योहारों, शादियों या किसी इमरजेंसी में गोल्ड की मांग बढ़ती है तो रेट भी ऊपर जाता है. वहीं, कम डिमांड में प्राइस गिरता है.
जब महंगाई बढ़ती है तो लोग गोल्ड को सेफ़ हेज मानते हैं, जिससे रेट बढ़ता है. वहीं, ब्याज दरें बढ़ने पर लोग फ़िक्स्ड इनकम स्कीम्स चुनते हैं और गोल्ड सस्ता हो सकता है.
भारत गोल्ड का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. अगर सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाए तो सोना महंगा हो जाता है. टैक्स में बदलाव भी रेट को प्रभावित करता है.
युद्ध, वैश्विक तनाव या इकोनॉमिक क्राइसेस के समय लोग गोल्ड को सुरक्षित समझते हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ जाती है.
– रोज़ाना गोल्ड प्राइस चेक करें. – इंटरनेशनल मार्केट के अपडेट्स पर नज़र रखें. – त्योहारी सीज़न में डिमांड बढ़ने पर रेट भी बढ़ सकता है.
ये निवेश की सलाह नहीं बल्कि जानकारी के लिए है. अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें.