बीते चार महीने में Gold की क़ीमतें क़रीब 7% मज़बूत हुई हैं. इससे एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई कि क्या Gold निवेश का सही ऑप्शन है. आइए इसी पर ग़ौर करते हैं…
वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार के मुताबिक़, आप Gold को अच्छे-बुरे, दोनों तरह के निवेश के तौर पर दिखा सकते हैं क्योंकि ये इस पर निर्भर करता है कि आप Gold के दाम कब से कब तक देख रहे हैं.
अब, आप 1980 से आज तक का क़रीब 43 साल का समय लीजिए. इस दौरान, Gold के दाम 34 गुना बढ़े और ₹1800 प्रति 10 ग्राम से क़रीब ₹62,000 तक पहुंच गए. ये आंकड़ा प्रभावित करने वाला है.
अगर, सेंसेक्स का प्रदर्शन देखेंगे, तो आपका नज़रिया सिरे से बदल जाएगा. इस दौरान में सेंसेक्स ने, 173 प्वाइंट से शुरुआत की और 72,000 प्वाइंट से ऊपर आ गया. ये छलांग 416 गुना की रही.
इसलिए, जहां इन चार दशकों में Gold के दामों का बढ़ना काफ़ी अच्छा रहा है, वहीं इक्विटी निवेश के मुनाफ़े के सामने ये बौना साबित होता है.
गोल्ड को बढ़ती हुई क़ीमत की वजह से ये ख़रीदा जा सकता है. पर एक उतार-चढ़ाव वाले एसेट के तौर पर इसका प्रदर्शन काफ़ी कमज़ोर रहा है.
इस तरह से, लंबे समय के दौरान गोल्ड का प्रदर्शन ख़ासा बुरा है. ख़ैर, आपको इस अहम आंकड़े को ध्यान में रखकर ही कोई फ़ैसला करना चाहिए.