क्या सोने को अपने निवेश पोर्टफ़ोलियो में शामिल करना चाहिए?

Published on: 15th Apr 2025

क्या आपके पोर्टफ़ोलियो में सोने को जगह मिलनी चाहिए? 

जब दुनिया का आर्थिक ढांचा बदल रहा हो, तो सोने को फिर से देखना ज़रूरी हो सकता है—फिर चाहे आप अब तक इसके आलोचक ही क्यों न रहे हों.

मेरे लिए गोल्ड एक सवाल था 

मैं भी वॉरेन बफ़ेट जैसे निवेशकों की सोच को मानता था—सोने को एक बेमतलब की चीज़ मानता था. लेकिन अब जब आर्थिक परिदृश्य बदल रहा है, तो सोने को फिर से सोचना पड़ा.

इतिहास में सोने की कहानी 

सोना सदियों तक असली मुद्रा रहा, लेकिन 1971 में राष्ट्रपति निक्सन ने इसे डॉलर से अलग कर दिया. इसके बाद फ़िएट करंसी का युग आया—लेकिन हालिया घटनाओं ने फिर से सोने को प्रासंगिक बना दिया.

क्या बदल गया? 

यूक्रेन युद्ध और रूस के संपत्तियों को फ्रीज़ कर दिए जाने से यह दिखा कि डॉलर में रखी संपत्ति भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं रही. इसने देशों को सोने में निवेश बढ़ाने को मजबूर किया.

सोने की खरीदारी का उभार 

दुनियाभर के सेंट्रल बैंक रिकॉर्ड स्तर पर सोना ख़रीद रहे हैं. भारत, चीन और रूस जैसी शक्तियों ने डॉलर पर निर्भरता घटाई है. सोना अब सिर्फ एक निवेश नहीं, बल्कि सुरक्षा का साधन बन चुका है.

क्या आपको सोने में निवेश करना चाहिए? 

नहीं, यह किसी भी हाल में आपका मुख्य निवेश नहीं होना चाहिए. लेकिन पोर्टफ़ोलियो का 5-10% सोने में लगाना एक अच्छा 'हेज' हो सकता है—इसे इंश्योरेंस के रूप में समझिए.

आपके लिए कौन-सा विकल्प सही है? 

सोने में निवेश करने के लिए गोल्ड ETF, सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड्स, या गोल्ड म्यूचुअल फ़ंड्स जैसे विकल्प हैं. हर विकल्प के फायदे और नुकसान होते हैं—लिक्विडिटी, सुरक्षा और लागत के लिहाज़ से.

समझदारी से निवेश करें 

इतिहास में फ़ाइनेंशियल सिस्टम बदलते रहे हैं. डाइवर्सिफ़िकेशन के साथ संतुलित निवेश हमेशा बेहतर होता है. अगर आपको लगता है कि सोने को शामिल करना समझदारी है, तो यह आपके पोर्टफ़ोलियो का हिस्सा बने.