Published on: 15th Apr 2025
क्या आप भी सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं, खासकर जब दुनिया भर में तनाव बढ़ता जा रहा है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. इस समय जब वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर उथल-पुथल मची हुई है, सोने का रेट तेजी से बढ़ रहा है. जानिए क्यों यह सोने में निवेश करने का सही वक्त हो सकता है या फिर आपको और सोचने की जरूरत है.
अगर आपने हाल में सोने की बढ़ती कीमतों के बारे में नहीं सुना तो शायद आप उन लोगों के बीच नहीं हैं जो खुद को निवेशक कहते हैं. पिछले कुछ समय से सोने के भाव रॉकेट की तरह चढ़ रहे हैं. अगर आप भी इस हल्ले में शामिल होना चाहते हैं, तो जानिए क्या यह सोने में निवेश करने का सही वक्त है या सिर्फ एक फिजूल का चक्कर.
दुनिया में चल रहे व्यापार युद्ध, राजनीतिक तनाव और आर्थिक संकट ने सोने की चमक को और बढ़ा दिया है. चाहे वह अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ विवाद हो, या अन्य देशों में संघर्ष की स्थिति, हर जगह से ऐसी घटनाएं निकलकर आई हैं जिन्होंने सोने की कीमतों को ऊंचाई तक पहुंचा दिया है. क्या ये सभी घटनाएं सोने को सुरक्षित निवेश बनाती हैं?
अप्रैल 2025 तक, सोने की कीमत ₹90,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी थी, जो एक ऐतिहासिक आंकड़ा है. ऐसे समय में जब सोने के दाम आसमान छू रहे हैं, क्या यह सही निवेश का मौका है? आपको समझने की जरूरत है कि क्या यह उन निवेशकों के लिए है जो अब तक सोने के बारे में सोच रहे थे या यह महज एक फैशन ट्रेंड बन चुका है.
भारत में सोना सिर्फ एक निवेश का साधन नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है. शादी-ब्याह, दिवाली, और धनतेरस जैसे त्योहारों में सोना खरीदने की परंपरा रही है. लेकिन क्या यह पुरानी परंपरा आज के आर्थिक माहौल में भी सही साबित होती है? क्या सोना अब भी वही सुरक्षित निवेश है, जो हमें हमारे दादी-नानी ने बताया था?
याद है 2008 का वह साल जब दुनियाभर के शेयर बाजार ताश के पत्तों की तरह गिर गए थे? उस संकट के दौरान सोने की कीमतें मज़बूती से टिकी रही थीं. भारतीय रुपयों में सोने की कीमतें बढ़ी भी थीं. यही नहीं, 2020 के कोविड संकट में भी सोना सुरक्षित निवेश साबित हुआ. ऐसे उदाहरण यह साबित करते हैं कि सोना बुरे वक्त में एक मजबूत साथी हो सकता है, जब बाकी सभी निवेश गिरते हैं.
महंगाई, जो धीरे-धीरे हमारी मेहनत की कमाई को निगल जाती है, से बचने के लिए सोना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. पिछले 15-20 सालों में सोने ने भारतीय रुपये में औसतन 10-12% रिटर्न दिया है, जबकि महंगाई लगभग 6-7% रही है. इस तरह से सोने ने महंगाई को पछाड़ते हुए अच्छा रिटर्न दिया है. हालांकि, यदि आप पूरी तरह से समर्पित होकर निवेश करना चाहते हैं तो आपको शेयर बाजार को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
गहनों में निवेश करना तो एक पारंपरिक तरीका है, लेकिन क्या यह निवेश का स्मार्ट तरीका है? गहनों की खरीददारी में मेकिंग चार्ज और GST जैसे खर्चे होते हैं, जो निवेश के लिए बहुत मंहगे साबित हो सकते हैं. इसके अलावा, सोने को स्टोर करने की भी समस्याएं हैं. आजकल सोने में निवेश करने के लिए डिजिटल तरीके भी उपलब्ध हैं, जो न केवल सस्ते होते हैं, बल्कि अधिक सुविधाजनक भी हैं.
आजकल, गोल्ड ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) जैसे डिजिटल तरीके सोने में निवेश करने के लिए बहुत लोकप्रिय हो गए हैं. आप अपने मोबाइल फोन से गोल्ड ETF खरीद सकते हैं, बिना किसी मेकिंग चार्ज के और बिना सोने को स्टोर करने की चिंता किए. साथ ही, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी एक और विकल्प है, जहां आप कम से कम निवेश के साथ सोने में निवेश कर सकते हैं, और आपको इसे स्टोर करने की कोई चिंता नहीं होती.
सोने में निवेश करने पर टैक्स एक महत्वपूर्ण पहलू है. अगर आपने सोने को तीन साल से ज्यादा समय के लिए रखा है तो आपको लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (LTCG) टैक्स का भुगतान करना होगा, जो 20% तक हो सकता है. अगर आपने इसे तीन साल से पहले बेचा तो वह शॉर्ट टर्म गेन होगा और आपकी सालाना आय के आधार पर टैक्स लगेगा. इसलिए, टैक्स के गणित को समझना जरूरी है.
क्या ऊंची कीमतों पर सोने में निवेश करना सही है? यह एक बड़ा सवाल है. यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो बिना किसी भय के सोने की कीमतों पर फोकस करें. निवेश करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें और अपनी रिस्क क्षमता को ध्यान में रखें.
समाप्ति में, सोना एक बहुत अच्छा और सुरक्षित निवेश हो सकता है, लेकिन इसे निवेश के अन्य विकल्पों से पूरी तरह से अलग नहीं समझना चाहिए. गोल्ड ETF, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स और अन्य डिजिटल निवेश के तरीके सोने के अच्छे विकल्प हो सकते हैं. सही समय पर निवेश करने से ही आपको अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. याद रखें, निवेश का निर्णय हमेशा सोच-समझकर, पूरी जानकारी लेकर लें.