Published: 14th Feb 2025
गोल्ड और डेट दोनों स्थिर एसेट हैं जो आपके निवेश में इक्विटी के उतार-चढ़ाव को बैलेंस करते हैं. लेकिन दोनों की भूमिका एक जैसी है? आइए जानते हैं.
गोल्ड मार्केट की बड़ी गिरावट में एक सेफ़्टी की तरह काम करता है. ये गिरावट के समय पोर्टफ़ोलियों में डायवर्सिफ़िकेशन लाता है.
शॉर्ट-ड्यूरेशन फ़ंड लगभग निश्चित रिटर्न देते हैं, जिनमें कोई बडी ख़तरे नहीं होते. ये उन लोगों के लिए परफ़ेक्ट है जो अपने निवेश में स्थिरता को अहमियत देते हैं.
– सेंसेक्स: ↓ 11% – गोल्ड: ↑ 13.2% – शॉर्ट-ड्यूरेशन फ़ंड्स: ↑ 2.5% अभी गोल्ड की जीत दिखाई देती है, लेकिन लंबे समय में ये इक्विटी से पीछे रहा है. आइए देखते हैं कैसे.
जब सेंसेक्स की गिरावट 20% से ज़्यादा रही, तब गोल्ड और डेट ने कैसे प्रतिक्रिया की? गोल्ड 4 बार जीता, डेट ने हमेशा स्थिरता बनाए रखी.
– सेंसेक्स: 12.2% – गोल्ड: 9% – डेट: 7.8% डेट = स्थिरता. गोल्ड = बढ़त. इक्विटी = लंबे समय में ग्रोथ.
गोल्ड का प्रदर्शन जनवरी 2012 से दिसंबर 2018 के बीच सालाना 1.39% रहा. डेट और सेंसेक्स ने इसे आसानी से पछाड़ दिया.
गोल्ड = लंबे समय के दौरान महंगाई दर के बराबर रहा. डेट फ़ंड्स = छोटे अर्से में स्थिर रहे. अपने इन्वेस्टमेंट में गोल्ड का रेशियो 5-10% तक सीमित रखिए.
यहां अलग-अलग एसेट्स के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसे निवेश की सलाह नहीं मानना चाहिए. कृपया निवेश से पहले अच्छी तरह रिसर्च करें.