दो-तीन ख़ास चीज़ें जिनपर  आपको ध्यान देना चाहिए कि आप म्यूचुअल फ़ंड ख़रीदते हैं इसके बजाय अगर आप शेयर्स में लगाते हैं,

आप मान लीजिए कि एक अच्छा पोर्टफ़ोलियो बना पाते हैं, 20-30 कंपनी के शेयर ख़रीदते हैं, तो कभी आपको बेचना पड़ेगा कभी आपको ख़रीदना पड़ेगा किसी चीज़ का दाम बढ़ जाएगा आपको लगता है कि वह महंगा हो गया है,

या बहुत ज़्यादा महंगा हो गया है यही काम अगर फ़ंड मैनेजर  करेगा और आप अपने फ़ंड मैनेजर जितने ही काबिल हैं तो आप जो मुनाफ़ा कमाएंगे, उन सब पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स, लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स लगेगा अगर यही चीज़ फ़ंड मैनेजर करेगा,

तो इस पर आपको कोई कैपिटल गेन्स नहीं देना है जब तक आप अपने म्यूचुअल फ़ंड से पैसा नहीं निकालेंगे तो इस बारीक़ी को समझिए इससे बेहतरीन टैक्स बचाने का कोई और ज़रिया नहीं है