Published: 25th Feb 2025
जब मैंने अपनी 9 से 5 की नौकरी छोड़कर फ़्रीलांसिंग शुरू की, तो मुझे लगा कि अब मैं अपने समय का मालिक बन जाऊँगा. ज़्यादा क्रिएटिव काम करने की भी आज़ादी मिली. शुरू में सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन जल्दी ही असलियत समझ में आ गई कि फ़्रीलांसिंग में स्थिरता नहीं होती.
पहले तो मुझे खुद को साबित करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. कई बार तो ऐसा लगता था कि काम मिलने का नाम ही नहीं लेता. क्लाइंट्स से समय पर फ़ीडबैक मिलना भी मुश्किल था. और सबसे बड़ी मुश्किल तो पेमेंट्स की होती थी, कभी-कभी तो पेमेंट्स महीनों तक अटकी रहती थीं.
फ़्रीलांसिंग में काम तो मिल जाता है, लेकिन पैसा समय पर आएगा, यह तय नहीं है. ऐसे में फ़ाइनेंशियल प्लानिंग बेहद ज़रूरी हो जाती है. मैंने महसूस किया कि यह सिर्फ़ इनकम बढ़ाने के बारे में नहीं, बल्कि अपने खर्चों को सही तरीके से मैनेज करने का भी सवाल है.
फ़्रीलांसर के रूप में आपकी कमाई कभी भी स्थिर नहीं रहती. एक महीने आप ₹1 लाख कमा सकते हैं, और दूसरे महीने मुश्किल से ₹50,000 ही कमा पाते हैं. इसी कारण मैंने सबसे पहले एक इमरजेंसी कॉर्पस तैयार किया. यह पैसा मुझे कम से कम छह महीने के खर्चे को कवर करने के लिए चाहिए था. इस तरह मैं बिना किसी तनाव के अपना काम कर सकता था.
कभी सोचा नहीं था कि हेल्थ इंश्योरेंस भी इस प्लान का हिस्सा होगा, लेकिन एक बार मुझे अस्पताल में दाख़िल होना पड़ा और मुझे यह समझ में आया कि यह कितना ज़रूरी है. इसलिए मैंने तुरंत अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया. ऐसा करने से मैंने अपनी बचत को अस्पताल के बिलों से बचा लिया.
इनकम अनिश्चित होने के बावजूद, मैंने खुद को एक आदत डालने के लिए प्रेरित किया. हर महीने मैंने कुछ न कुछ निवेश करने का नियम बनाया. चाहे मेरी कमाई उतनी न हो जितनी मैंने सोची थी, लेकिन मैंने हर महीने कुछ न कुछ निवेश किया. यह आदत मुझे भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करती है.
अब सवाल था, कहां निवेश किया जाए? म्यूचुअल फंड्स का चुनाव किया क्योंकि वे बहुत सारे ऑप्शंस प्रदान करते हैं. मैंने म्यूचुअल फ़ंड म्यूचुअल फ़ंड के बारे में रिसर्च किया और देखा कि ये मेरी अलग-अलग वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं.
अगर आपको एक साल के अंदर कुछ लक्ष्यों को पूरा करना है, तो लिक्विड फंड्स सबसे अच्छे होते हैं. यह कम रिस्क वाले होते हैं और साथ ही आपको बैंक सेविंग्स अकाउंट से बेहतर रिटर्न भी देते हैं. मैंने इस विकल्प को चुना, क्योंकि मुझे अपने पैसे को कम रिस्क में रखना था.
लंबे समय के लिए, जैसे 3 से 5 साल के गोल्स के लिए, मैंने इक्विटी सेविंग्स फंड्स को चुना. ये फंड्स इक्विटी और डेट दोनों का मिश्रण होते हैं, जिससे मेरे पैसे का कुछ हिस्सा बढ़ता है और बाकी हिस्सा सुरक्षित रहता है. अगर आपका गोल और भी लंबा है, जैसे 5 साल या उससे ज्यादा, तो फ्लेक्सी-कैप या मल्टी-कैप फंड्स बहुत अच्छे ऑप्शंस होते हैं.
फ़्रीलांसर के तौर पर, यह ज़रूरी है कि आप हर महीने किसी न किसी तरह से पैसे बचाएं और निवेश करें. जब आप एक फाइनेंशियल रोडमैप बनाते हैं, तो आपके पास न केवल फ़ाइनेंशियल स्थिरता होती है, बल्कि आपको मानसिक शांति भी मिलती है. यह सब कुछ समय ले सकता है, लेकिन अंत में आपको फायदा मिलेगा. इस तरह, फ़्रीलांसिंग के साथ अपनी वित्तीय ज़िम्मेदारियों को ठीक से संभालने के लिए एक मजबूत रोडमैप बनाना बहुत ज़रूरी है.
ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.